सीवान : फर्जी डीएम चढ़ा हत्थे, रेलकर्मियों पर झाड़ रहा था रौब

सीवान:बिहार में बुधवार को सीवान जंक्शन के वीआईपी वेटिंग रुम में अपने को गोपालगंज का डीएम बता रेलकर्मियों को हड़काने वाले एक फर्जी डीएम को जीआरपी थानाध्यक्ष नंद किशोर सिंह ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पकड़े गये फर्जी डीएम का नाम मो. औरंगजेब अली है जो गोपालगंज के हथुआ निवासी मोहम्मद मुख्तार का पुत्र […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 12, 2019 6:28 PM

सीवान:बिहार में बुधवार को सीवान जंक्शन के वीआईपी वेटिंग रुम में अपने को गोपालगंज का डीएम बता रेलकर्मियों को हड़काने वाले एक फर्जी डीएम को जीआरपी थानाध्यक्ष नंद किशोर सिंह ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पकड़े गये फर्जी डीएम का नाम मो. औरंगजेब अली है जो गोपालगंज के हथुआ निवासी मोहम्मद मुख्तार का पुत्र है.

स्टेशन अधीक्षक एमएम पांडेय ने बताया कि गिरफ्तार फर्जी डीएम दस दिन पहले भी अपने को डीएम बता स्टेशन का निरीक्षण करतेहुए रेलकर्मियों को कड़ी फटकार लगायी थी. सुबह करीब साढ़े आठ बजे 55008 सवारी ट्रेन से अपनी दो छोटी बहनों के साथ आया. ट्रेन से उतरते ही वह सहायक स्टेशन मास्टर के पास पहुंचाऔर बोला कि तुम मुझे पहचानते हो. उन्होंने इन्कार किया. फिर उसनेखुद को गोपालगंज का डीएम बताते हुए अपना आइडी कार्ड दिखाया और वीआइपी रूम खोलने को कहा. इतने में स्टेशन अधीक्षक एमएम पांडेय आ गये तथा वे फर्जी डीएम को पहचान गये जो कुछ दिनों पूर्व उन लोगों को चकमा देकर स्टेशन का निरीक्षण किया था.

उन्होंने इसकी सूचना जीआरपी थानाध्यक्ष नंद किशोर सिंह को दिया. जीआरपी थानाध्यक्ष तुरंत पहुंचे तथा पूछताछ करने का प्रयास किया. पहले तो फर्जी डीएम थानाध्यक्ष पर तन गया तथा बोला कि तुमबैच उल्टा क्यों लगाये हो? जब जीआरपी थानाध्यक्ष ने आईडी कार्ड मांगा तो उस पर एसडीएम गोपालगंज लिखा था. उसके बाद उन्होंने बंद कमरे में करीब एक घंटे तक पूछताछ किया? जब वे सख्ती से पेश आये तो वह सच-सच बताने लगा. उसने अपने को फर्जी बताते हुए सारे अपराध का कबूल कर लिया.

थानाध्यक्ष ने बताया कि यह व्यक्ति रेल के उपर के अधिकारियों को कई बार फोन कर बताया है तथा स्टेशन पर सुरक्षा गार्ड की मांग किया है तथा उपलब्ध भी कराया गया है. यह इतना शातिर था कि पुलिस को शक भी नहीं हो रहा था. उन्होंने बताया कि करीब दस दिन पहले मेरे अनुपस्थिति में यह सीवान आया तथा स्टेशन का निरीक्षण किया. जांच के दौरान पुलिस पदाधिकारियों को अपना बैग थमा देता था. उन्होंने बताया कि दोनों बहनों को परिजनों को बुलाकर सौंप दिया गया. गिरतार फर्जी डीएम को मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया.

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