इलाज के अभाव में बच्चे की मौत, नहीं मिला कोई डॉक्टर

सीवान:बिहारमें ग्रामीण स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए एक तरफ जहां सरकार तत्पर है. वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है.सीवान जिले के भगवानपुर थाने के मोरा-मैरी बलहा गांव निवासी संदीप कुमार के आठ माह के पुत्र शिवम की मौत उपचार के अभाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 5, 2019 5:09 PM

सीवान:बिहारमें ग्रामीण स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए एक तरफ जहां सरकार तत्पर है. वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है.सीवान जिले के भगवानपुर थाने के मोरा-मैरी बलहा गांव निवासी संदीप कुमार के आठ माह के पुत्र शिवम की मौत उपचार के अभाव में हो गयी.

परिजनों के अनुसार बच्चे को दांत निकलने के कारण बच्चे को डायरिया हो गया था. सोमवार की शाम जब बच्चे की हालत बिगड़ी तो घर के लोग बच्चे को दिखाने के लिए भगवानपुर पीएचसी ले गये. लेकिन, वहां पर कोई डॉक्टर जब नहीं मिला तो परिजन उसे महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल वाहन से ले गये. महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल में जब कोई डॉक्टर नहीं मिला तो परिजनों ने महाराजगंज में किसी निजी डॉक्टर से दिखाना चाहा, लेकिन कोई डॉक्टर मौके पर नहीं मिला.

थक हार कर परिजन वाहन से बच्चे को लेकर सीवान सदर अस्पताल करीब पहुंचे. लेकिन, तब तक काफी देर हो चुकी थी. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर मो. अली ने बच्चे को देखा और कहा कि बच्चा जिंदा नहीं है. डॉक्टर द्वारा बताये जाने के बाद परिजन सदर अस्पताल में दहाड़ मार कर रोने लगे. परिजनों का कहना है कि भगवानपुर या महाराजगंज में बच्चे का इलाज हो गया होता तो बच्चा नहीं मरता. अपने भाग्य को कोसते हुए परिजन मृत बच्चे को लेकर वापस लौट गये.

क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. रामदेव दास ने बताया कि इस प्रकार की शिकायत किसी के द्वारा नहीं की गयी है. वैसे पीएचसी व महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहने के संबंध में जांच कर कार्रवाई की जायेगी. मामला सही मिलने पर गायब चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.