शिवहर में कड़ाके की ठंड का कहर, जनजीवन अस्त-व्यस्त

जिले में हाड़ कंपा देने वाली बर्फीली ठंड ने दस्तक दे दी है. जिसके कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

By VINAY PANDEY | December 19, 2025 5:54 PM

शिवहर जिले में हाड़ कंपा देने वाली बर्फीली ठंड ने दस्तक दे दी है. जिसके कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी मात्र 10 मीटर तक रही. जिससे सड़कों पर वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कई बार हवा के साथ कोहरा आने के कारण आसपास भी कुछ नजर नहीं आया. घने कोहरे और तेज सर्द पछिया हवाओं ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. घने कोहरे के बीच शुक्रवार को पूरे दिन सूर्य भगवान का दर्शन नहीं हो सका.

हाल ही में मौसम विज्ञान विभाग ने ठंड को लेकर अलर्ट जारी किया था कि आने वाले दो से तीन दिनों तक कड़ाके की ठंड पड़ने की उम्मीद है. कारण है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी व पश्चिमी विक्षोभ से घने कोहरे के साथ कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिसको लेकर बाजारों में गर्म कपड़े की खरीदारी शुरू हो गई है. शहर के मॉल से लेकर फुटपाथी दुकान पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है. जहां ब्लेजर, स्टॉल, स्वेटर और शॉल के साथ ही कंबल सहित तमाम तरह के ऊनी कपड़ों की खरीदारी ने जोर पकड़ लिया है. जिससे गर्म कपड़ों का बाजार भी एक बार फिर गुलजार हो उठा है.

तो दूसरी ओर ठंड के प्रकोप से बचने के लिए लोग अपने घरों में दुबके रहे तथा बाजार के कई स्थानों पर लोग निजी तौर पर अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं.

ठंड से बढ़ गये ब्रेन हेमरेज, हार्ट अटैक व कोल्ड डायरिया के मरीज

सर्दी के मौसम को हेल्दी सीजन माना जाता है. लोग ठंड में कम बीमार पड़ते हैं. लेकिन अत्यधिक ठंड के चलते बीमार होने वालों की संख्या बढ़ गई है. अस्पतालों में अधिकांश मरीज ऐसे हैं, जो ठंड की चपेट में आने से बीमार हुए हैं. यही कारण है कि चिकित्सक लोगों को ठंड से बचने की सलाह दे रहे हैं.

ठंड बढ़ने से सर्दी, जुकाम, बुखार के साथ कोल्ड डायरिया के मरीज बढ़ गए हैं. ठंड लगने से उल्टी, दस्त और पेट दर्द के मरीज भी अस्पताल पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही हार्ट अटैक और सांस संबंधी बीमारियों के मरीज बढ़ गए हैं. थोड़ी भी चूक होने पर लोग ठंड की चपेट में आ रहे हैं. उनकी स्थिति गंभीर भी हो जा रही है.

बीमार होने वालों में बच्चों और बुजुर्गों की संख्या अधिक है. ठंड में ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है, जबकि शुगर के मरीजों की परेशानी भी बढ़ रही है.

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