सीतामढ़ी लिटरेचर फेस्टिवल की रुपरेखा पर हुआ विचार-विमर्श

कला-संगम एवं पं चंद्रशेखर धर शुक्ल साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक संस्थान के सभागार में विचार गोष्ठी सह कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया.

By VINAY PANDEY | December 21, 2025 6:44 PM

सीतामढ़ी. कला-संगम एवं पं चंद्रशेखर धर शुक्ल साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक संस्थान के सभागार में विचार गोष्ठी सह कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. डॉ सुनील सुमन के संयोजकत्व में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष चंद्र राजकुमार ने की. गीतकार गीतेश ने विचार गोष्ठी तथा युवा कवि समर राज ने कवि गोष्ठी का संचालन किया. वक्ताओं ने एक ओर जहां वर्ष 2025 की साहित्यिक गतिविधियों पर प्रकाश डाला वहीं, दूसरी ओर वर्ष 2026 में मार्च महीने के दूसरे सप्ताह में होनेवाले ””””””””सीतामढ़ी लिटरेचर फेस्टिवल”””””””” की रुपरेखा पर विचार-विमर्श किया. राजकुमार ने कहा कि लिटरेचर फेस्टिवल जिले के लिए एक यादगार महोत्सव होगा, जिसमें देश-विदेश के नामचीन साहित्यकार भाग लेंगे. अभी से ही इसकी तैयारी में लग जाना होगा. अन्य वक्ताओं ने भी फेस्टिवल को आकर्षक बनाने के लिए अपने-अपने सुझाव दिये. वक्ताओं में ग्रामीण चिकित्सक राष्ट्रीय मंच के प्रभारी अध्यक्ष डॉ रामाशंकर सिंह, प्रधानाध्यापक बाल बोध झा, समाजसेवी गंगाधर कुमार, शिक्षाविद् अमित कुमार वर्मा, डॉ सुनील सुमन मुख्य थे. मौके पर युवा कवि सुशांत को उनकी विशेष उपलब्धियों के लिए संस्थान द्वारा सम्मानित किया गया. द्वितीय सत्र में कवि गोष्ठी का आगाज गीतकार गीतेश की रचना ””””””””सवाल में उलझे कभी जवाब में उलझे, पहेली भरी जिंदगी की किताब में उलझे”””””””” से हुआ. कृष्णनंदन लक्ष्य की कविता ””””””””तैयारी कैसे करें नये साल की, चिंता पड़ी है रोटी,दाल की”””””””” एवं वरिष्ठ कवि सुरेश लाल कर्ण के कर्णप्रिय गीत ””””””””धुंध है, कुहासा है, मौसम का अजीब तमाशा है”””””””” ने श्रोताओं की भरपूर वाहवाही बटोरी. समर राज, सुशांत कुमार तथा अर्पित अंशु, श्रेयांश एवं बाल कवयित्री इशिका ने अपनी प्रस्तुति से इंद्रधनुषी छटा बिखेर दी.

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