sitamarhi news : भ्रष्ट सरकारी सेवकों पर शिकंजा कसने को लेकर निगरानी दल का गठन

जिला प्रशासन द्वारा भ्रष्ट सरकारी सेवकों को दबोचने, शिकंजा कसने व इनके खिलाफ मिली शिकायतों की जांच करने के लिए एक निगरानी दल का गठन किया गया है.

By VINAY PANDEY | April 27, 2025 9:09 PM

सीतामढ़ी. जिला प्रशासन द्वारा भ्रष्ट सरकारी सेवकों को दबोचने, शिकंजा कसने व इनके खिलाफ मिली शिकायतों की जांच करने के लिए एक निगरानी दल का गठन किया गया है. जिलास्तरीय यह निगरानी दल/धावा दल का अध्यक्ष एडीएम संदीप कुमार को बनाया गया है. दल में उनके आलावा सदस्य के रूप में डीएसपी मुख्यालय नजीब अनवर व भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रमेश पंडित शामिल है. पूर्व में पांच सदस्यीय धावा दल था, जिसे तीन सदस्यीय हो गया है.

— डीएम ने सभी विभागों को भेजा पत्र

डीएम रिची पांडेय ने उक्त दल का गठन करने के साथ ही सभी विभागों को इसकी जानकारी दे दी है. जारी पत्र में कहा गया है कि किसी लोक सेवक के भ्रष्टचार में लिप्त रहने की शिकायत के साथ आवेदन मिलता है, तो उसकी जांच निगरानी टीम तुरंत करेगी. यानी इस तरह के जो मामले डीएम द्वारा धावा दल को सौंपा जायेगा, उस पर तुरंत कार्रवाई कर टीम डीएम रिपोर्ट करेगी. दल को निगरानी विभाग के निर्देशों के आलोक में कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है.

— भ्रष्टाचार पर अंकुश को काफी अधिकार

पत्र में डीएम ने कहा है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने एवं जीरो टॉलरेंस की नीति को धरातल पर उतारने के लिए मंत्रिमंडल (निगरानी) विभाग द्वारा इस दल को काफी अधिकार दिया गया है. डीएम ने पदाधिकारियों को भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की जांच में हर हाल में निगरानी दल को मदद करने को कहा है. कहा है कि अगर किसी अधिकारी द्वारा सहयोग नही किया गया, तो उन्हें भी दोषी मानकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

बॉक्स में :

— जिला की निगरानी टीम का नहीं खुला खाता

गौरतलब है कि जिले में जब भी भ्रष्टाचार व निगरानी टीम की बातें होती है, तो सबसे पहला नाम तत्कालीन जेल अधीक्षक प्रेम कुमार का नाम आता है. कुमार निगरानी के हत्थे चढ़ने वाले जिले के प्रथम अधिकारी थे. खास बात यह कि अबतक जीतने भी सरकारी सेवक रिश्वत लेते पकड़े गए है, उन सबों को निगरानी, पटना की टीम पकड़ी हुई है. जिला की निगरानी टीम का खाता भी नहीं खुला हुआ है. वर्ष 2006 में प्रेम कुमार पकड़े गए थे. उसके बाद जिला व प्रखंड स्तर के करीब पांच दर्जन अधिकारी/कर्मी रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जा चुके है. इसमें क्रमश: शिक्षा, पुलिस व स्वास्थ्य विभागों के अधिक अधिक पकड़े गए है.

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