हत्यारोपित को जमानत में मदद करने पर परिहार थानाध्यक्ष निलंबित

सीतामढ़ी/परिहार : हत्या के अभियुक्त को लाभ पहुंचाने के आरोप में जांच के बाद पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय के आदेश पर पुलिस उप महानिरीक्षक (कार्मिक) ने अनुसंधानकर्ता सह थानाध्यक्ष परिहार राकेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. एसपी को प्रतिलिपि भेजकर अनुसंधानकर्ता को निलंबित करने, न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित करने व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 23, 2019 12:11 AM

सीतामढ़ी/परिहार : हत्या के अभियुक्त को लाभ पहुंचाने के आरोप में जांच के बाद पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय के आदेश पर पुलिस उप महानिरीक्षक (कार्मिक) ने अनुसंधानकर्ता सह थानाध्यक्ष परिहार राकेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. एसपी को प्रतिलिपि भेजकर अनुसंधानकर्ता को निलंबित करने, न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित करने व आरोप पत्र समर्पित नहीं कराने के संबंध में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया गया है.

क्या है मामला. डुमरा थाना अंतर्गत बनचौरी बड़हरवा गांव निवासी मताउद्दीन ने पुलिस महानिदेशक को आवेदन देकर बताया था कि परिहार थाना अंतर्गत सुतिहारा गांव निवासी उसके साला मो अब्दुल रहीम के पुत्र मो अकरम उर्फ फूलबाबू (26 वर्ष) की हत्या आठ अगस्त, 2019 को कर दी गयी थी. छह लोगों को मारपीट कर बुरी तरह जख्मी कर दिया गया था.
घटना को लेकर परिहार थाना में कांड संख्या 167/19 दर्ज की गयी थी. कांड का पर्यवेक्षण वरीय प्राधिकार द्वारा करते हुए घटना को सत्य करार देते हुए गिरफ्तार नामजद अभियुक्त मो साबिर, मो शमशुल, अनूठी पासवान उर्फ आशिया खातुन व शहनाज खातून के अतिरिक्त शेष अभियुक्तों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया.अभियुक्त पक्ष द्वारा न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी दी गयी, जिसे अस्वीकृत कर दिया गया.
आवेदक का कहना था कि न्यायालय द्वारा अभियुक्तों की जमानत अस्वीकृत करने व वरीय प्राधिकार द्वारा कांड को सत्य करार देने के बाद भी कांड के अनुसंधानकर्ता सह थानाध्यक्ष राकेशकुमार द्वारा वैधानिक अवधि (6.11.2019) तक आरोप पत्र समर्पित नहीं करने पर न्यायालय ने गिरफ्तार अभियुक्तों को 15 नवंबर 2019 को धारा 167(2)दप्रस का लाभ देते हुए मुक्त कर दिया. न्यायालय से मुक्त होने के बाद से ही उसके ससुराल पक्ष के जख्मी एवं घटना से आहत लोगों को पुन: जान मारने की धमकी देते हुए समझौता करने का दबाव दिया जाने लगा.

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