मच्छरों के डंक से नगरवासी परेशान
पार्षद ने पूछा, जनता के टैक्स के पैसों से खरीदी गयी मशीन बगैर उपयोग के क्यों पड़ी है खराब? सीतामढ़ी : गंदगी व जलजमाव के लिए मशहूर हो चुके नगर परिषद के किसी कमरे में लाखों रुपये खर्च कर खरीदी गयी दो दर्जन से भी अधिक फॉगिंग मशीन शोभा की वस्तु बनी हुई है. जबकि,मच्छरों […]
पार्षद ने पूछा, जनता के टैक्स के पैसों से खरीदी गयी मशीन बगैर उपयोग के क्यों पड़ी है खराब?
सीतामढ़ी : गंदगी व जलजमाव के लिए मशहूर हो चुके नगर परिषद के किसी कमरे में लाखों रुपये खर्च कर खरीदी गयी दो दर्जन से भी अधिक फॉगिंग मशीन शोभा की वस्तु बनी हुई है. जबकि,मच्छरों के डंक से नगरवासी बुरी तरह परेशान है.
बताना जरूरी है कि वर्ष 2015-16 में नगर परिषद की बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से सभी वार्डों की जनता को मच्छरों के काटने वाली बीमारियों से बचाने के लिए फॉगिंग मशीन की खरीदारी करने का निर्णय लिया गया और लाखों की लागत से 26 छोटी व दो बड़ी फॉगिंग मशीन खरीदी भी गयी. तत्कालीन सभापति सुवंश राय के साथ तमाम वार्ड पार्षदों ने शहर की सड़कों पर फॉगिंग मशीन का प्रदर्शन कर लोगों को बताया गया था कि नगर परिषद प्रशासन शहर में रहनेवाले लोगों की चिंता करती है.
शुरुआती वर्षों में दो-तीन बार कुछ वार्डों में फॉगिंग मशीन का उपयोग भी किया गया, लेकिन उसके बाद से सभी मशीनों को नप के किसी कमरे में रख दिया गया. अब नगर प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है कि सभी के सभी फॉगिंग मशीन खराब पड़ी है. सवाल उठना लाजिमी है कि नगर की जनता के टैक्स के पैसों से खरीदी गयी लाखों मूल्य की फॉगिंग मशीन खराब क्यों पड़ी है.
सप्ताह में एक दिन मशीन उपयोग करने का हुआ था निर्णय : वार्ड नंबर-8 के पार्षद मनीष कुमार की शिकायत है कि गंदगी व मच्छर शहर की दो वर्तमान सबसे बड़ी समस्या है. मौसम चाहे कोई भी हो, नगर वासियों को गंदगी व मच्छरों से राहत नहीं मिल पा रही है. जबकि, नप के पास पर्याप्त फॉगिंग मशीन उपलब्ध है. एक रिसर्च के अनुसार शहर में मच्छरों के हमले से कई संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.
बोर्ड की बैठक में निर्णय हुआ था कि सप्ताह में एक दिन सभी वार्डों में फॉगिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा और मशीन के जरिये दवाओं का छिड़काव कराया जाएगा. लोग माथा पीट रहे हैं, लेकिन मशीन का उपयोग तो दूर, नगर की बड़ी आबादी को फॉगिंग मशीन क्या चीज होती है, यह भी मालूम नहीं है.
मच्छरों के काटने से इन बीमारियों का खतरा
सीतामढ़ी. नगर के प्रसिद्ध चिकित्सक डाॅ एसपी झा के अनुसार मच्छरों के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफेलाइटिस, फाइलेरिया व जीका समेत अन्य कई संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
मच्छर खतरनाक इसलिए भी होता है, क्योंकि इनकी आबादी बड़ी तेजी से बढ़ती है. एक बार में ये एक-दो को नहीं, बल्कि दर्जनों लोगों को काट कर इंफेक्शन फैलाती है. दिन में मच्छर ज्यादातर अंधेरी जगहों, दीवारों के कोने, परदों के पीछे, सोफे, बेड, टेबल आदि के नीचे छुपे रहते हैं, इसलिए इन जगहों की नियमित व अच्छी सफाई आवश्यक है. सप्ताह में कम से कम एक बार इन जगहों पर मच्छर मारने की दवा का छिड़काव जरूर करना चाहिए.