Sawan, Shravani Mela 2022: देवघर के बाबा मंदिर में आज से स्पर्श पूजा बंद, भक्त अरघा से करेंगे जलार्पण

गुरुवार से श्रावणी मेले 2022 की शुरुआत हो गयी है. कांवरियों की सुविधा के लिए कई बदलाव किये गये हैं. अब पूरे माह स्पर्श पूजा बंद रहेगी. कांवरियां अरघा से जलार्पण करेंगे. वहीं, मंदिर के बाहर बाह्य अरघा की भी व्यवस्था मिलेगी. VIP और डाक बम के लिए पूजा कराने की अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2022 6:44 AM

Sawan 2022, Shravani Mela 2022: बाबानगरी में आज से श्रावणी मेला की शुरुआत हो गयी. इसके साथ ही बोलबम के जयकारे से बाबाधाम गूंजायमान होने लगा है. अब हर तरफ गुरुआ वस्त्रधारियों से पटा दिखेगा. मेले में कांवर लेकर देश भर से ही नहीं बल्कि नेपाल सहित दूसरे देश से भी भक्त बाबाधाम पहुंचेंगे. इसकी व्यवस्था पूरी कर ली गयी है. गुरुवार को सावन शुरू होते ही बाबा मंदिर में जलार्पण करने आये कांवरियों के लिए व्यवस्था पूरी तरह से बदल जायेगी. भक्तों के लिए अब पूरे माह स्पर्श पूजा बंद रहेगी. कांवरियों को जलार्पण कराने के लिए सुबह से ही अरघा लगा दिया जायेगा तथा कांवरिये मंझलाखंड में अरघा के माध्यम से जलार्पण करेंगे.

शीघ्रदर्शनम कार्ड का दर आज से 500 रुपये

मंदिर का पट अब सुबह चार बजे की बजाए 3:05 बजे सुबह ही खुलेगा. पट खुलने के बाद कांचा जल पूजा होगी, उसके बाद अरघा लगा दिया जायेगा. कांचा जल में शामिल पुरोहित समाज के लोग भी अरघा के माध्यम से ही जलार्पण करेंगे. शीघ्र दर्शनम काउंटर खुलने का समय सुबह आठ बजे होगा. साथ ही श्रावणी मेले में शीघ्रदर्शनम कूपन का दर भी पूरे माह पांच सौ रुपये होगा. भीड़ से बचने के लिए मंदिर परिसर में निकास द्वार के पास तीन बाह्य अरघा लगाया जा रहा है. इसमें भी जलार्पण करने की व्यवस्था है, जो सीधे पाइप के माध्यम से बाबा पर गिरेगा.

कांवरियों को जलार्पण कराने की तीन तरह की व्यवस्था

श्रावणी मेले में बाबाधाम आने वाले कांवरियों को सुलभ जलार्पण कराने के लिए प्रशासन ने तीन तरह की व्यवस्था की है. पहली व्यवस्था के तहत सामान्य कतार लगेगी. इसके लिए बाबा मंदिर से लेकर रूट लाइन में कुमैठा स्टेडियम तक कतार में लगने की व्यवस्था की गयी है. सामान्य कतार के माध्यम से पूजा करने वाले कांवरियों को जल का संकल्प कराने के बाद मानसरोवर की ओर से जलसार चिल्ड्रेन पार्क होते हुए कतार के अंतिम छोर तक जाना होगा. दूसरी व्यवस्था शीघ्रदर्शनम की है. इसमें प्रति व्यक्ति 500 रुपये देना होगा. इस कूपन को लेने वाले भक्तों को प्रशासनिक भवन के रास्ते से 20 मिनट से लेकर आधे घंटे में जलार्पण की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा तीसरा व्यवस्था बाह्य अरघा से जलार्पण की होगी. यह मंदिर परिसर स्थित निकास द्वार से सटा हुआ होगा. इसमें पाइपलाइन को बाबा के शिवलिंग तक जोड़ा गया है. यहां पर जलार्पण करने के बाद कांवरियों का जल सीधे बाबा पर अर्पित होगा. जिसे बाबा मंदिर के ठीक ऊपर लगे बड़े स्क्रीन में भक्त देख सकते हैं.

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निकास द्वार से किसी की नहीं होगी एंट्री

श्रावणी मेले के दौरान निकास द्वार से किसी को एंट्री की अनुमति नहीं होगी. पुरोहित समाज के लोग भी इस रास्ते का उपयोग सिर्फ कांचा जल पूजा के समय ही करेंगे. सरदारी पूजा के बाद इस रास्ते से इंट्री पर पूरी तरह राेक रहेगी. पुरोहित समाज के लोगों को बाद में प्रशासनिक भवन के ऊपरी तल्ले के रास्ते से प्रवेश कराने की व्यवस्था रहेगी.

संक्रांति व सोमवारी पर आधे घंटे के लिए खुलेगा अरघा

परंपरा के अनुसार, श्रावण महीने के पहले और अंतिम संक्रांति तथा प्रत्येक सोमवारी को शाम सात बजे से लेकर साढ़े सात बजे तक आधा घंटा के लिए अरघा को हटाया जायेगा. इस आधा घंटा में बाबा की बेलपत्र पूजा होगी. इसी आधे घंटे के दौरान पुरोहित समाज के लोग इस विशेष दिन में बाबा को बेलपत्र अर्पित कर स्पर्श पूजा करेंगे. बेलपत्र पूजा के लिए पुरोहित समाज के लोगों को प्रशासनिक भवन के ऊपर से प्रवेश कराने की व्यवस्था होगी.

रविवार और सोमवार को शीघ्रदर्शनम कूपन नहीं होगा जारी

रविवार और सोमवार को बाबा मंदिर में अधिक भीड़ उमड़ती है. इसे देखते हुए दोनों दिन शीघ्रदर्शनम कूपन काउंटर का संचालन नहीं होगा. दोनों दिन कांवरियों को जेनरल कतार या फिर बाह्य अरघा के माध्यम से ही जलार्पण कराने की व्यवस्था की जायेगी. हालांकि भीड़ कम होने पर इस संदर्भ में मंदिर प्रशासन व पंडा धर्मरक्षिणी सभा की सहमति से कूपन जारी करने का अंतिम निर्णय लिया जायेगा.

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VIP और डाक बम के लिए पूजा कराने की अलग से कोई व्यवस्था नहीं

श्रावणी मेला के दौरान आये डाक कांवरियों के साथ-साथ वीआइपी को जलार्पण कराने के लिए कोई इंतजाम नहीं होगा. वीआइपी को किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं कराने के लिए झारखंड सरकार की ओर से सरकार के प्रधान सचिव वंदना डांडेल ने आदेश जारी कर दिया है. डाकबम को भी सामान्य कतार में ही कतारबद्ध होकर जलार्पण करना होगा.

शिवगंगा इलाके में आज से नो एंट्री

शिवगंगा, मानसरोवर, मारवाड़ी कांवर संघ, बीएन झा रोड, भोला पंडा चार भाई पथ सहित मंदिर से सटे एक किलोमीटर के दायरे में 24 घंटे नो इंट्री होगी. इन इलाकों में एंबुलेंस व जरूरी सेवा वाहन के अलावा दोपहिया वाहन को छोड़कर अन्य को इंट्री नहीं दी जायेगी. वहीं मालवाहक वाहनों को रात नौ बजे के बाद से तय समय तक एंट्री की अनुमति होगी.
पूरे मेला क्षेत्र को कंबांइड कंट्रोल से किया जायेगा नियंत्रित

CCTV के जद में होगा बाबा मंदिर

बाबा मंदिर सहित पूरा मेला क्षेत्र सीसीटीवी के जद में होगा. इसको कंट्रोल करने के लिए बाबा मंदिर कंट्रोल रूम के अलावा नेहरू पार्क में प्रसाद योजना से बने कंबांइड कंट्रोल रूम में व्यवस्था की गयी है. इस कंट्रोल रूम में बड़े-बड़े 15 एलइडी सहित हाइपावर मशीन का इंस्टॉलेशन कार्य पूरा कर लिया गया है. इस एसी हॉल से डीसी सहित मेला के लिए आये वरीय अधिकारी दिशा-निर्देश देते रहेंगे.

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कांवरियों सुविधा के लिए नेहरू पार्क तैयार

नेहरू पार्क में कांवरियों को कतारबद्ध करने के लिए दो बड़े-बड़े अस्थायी डोम पंडाल व स्पाइरल का काम पूरा हो चुका है. कांवरियों को यहां से कतारबद्ध तरीके से क्यू कॉम्प्लेक्स तथा वहां से ओवरब्रिज होते हुए संस्कार मंडप के रास्ते गर्भगृह तक भेजने की व्यवस्था होगी. यहां कांवरियों को अपना सामान सुरक्षित रखने के लिए इस बार नेहरू पार्क में अमानत घर का भी इंतजाम किया गया है. कांवरिये यहां अपना सामान सुरक्षित रखकर जलार्पण करने के लिए जा सकते हैं.

Posted By: Samir Ranjan.

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