Sawan Mela 2022: श्रावणी मेला की पहली सोमवारी पर एक लाख कांवरिया गंगाधाम से रवाना हुए बाबाधाम

Sawan Mela 2022: पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर सुबह से ही कांवरियों का अनवरत रैला देवघर के लिए निकल रहा है. दिन के लगभग 1:30 बजे उमस व भीषण गर्मी के बावजूद कांवरिया पथ बोलबम के नारे से गूंज रहा था.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 18, 2022 9:04 PM

कांवरिया पथ से शुभंकर

सावन के पहली सोमवारी व नागपंचमी के विशेष तिथि पर पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर सुबह से ही कांवरियों का अनवरत रैला देवघर के लिए निकल रहा है. दिन के लगभग 1:30 बजे उमस व भीषण गर्मी के बावजूद कांवरिया पथ बोलबम के नारे से गूंज रहा था. कांवरिया पथ पर चल रहे लोगों में एक विशेष प्रकार का उत्साह और उमंग साफ देखने को मिला. आसाम के कांवरिया मनोज कुमार चौहान ने बताया कि चलने की इच्छा नहीं होती है, लेकिन जब कांधे पर कांवर ले लेते है तो मानो सब कष्ट दूर हो जाता है. दिल्ली के कांवरिया मनोहर कुमार ने बताया कि बाबा की महिमा है. इसलिए इतना लंबा सफर तय कर लेता हूं. उन्होंने कहा कि सावन आते ही बाबा पर जलार्पण करने के लिए मन बेचैन हो उठता है. पटना के गौरव कुमार ने कहा कि बाबाधाम जाने से काफी लाभ होता है. स्वास्थ्य के साथ-साथ जीवन में भी कई बदलाव आते है.

गुहावटी के मनोज कुमार वर्णवाल कहते है, क्या बताये, कष्ट के साथ आनंद की प्राप्ति का एक मिलती है. महिला कांवरिया इंदु देवी ने कहा कि बाबा वैद्यनाथ अंतर्यामी है. बाबा निराश किसी को नहीं करते. टाटानगर के कांवरिया राजू कुमार ने कहा कि बोलबम बोलने से बाबा की कृपा बरसती है. सुविधा की क्या बोले सब कुछ बाबा पार लगाते है. उनके बिना एक कदम कोई नहीं चल सकता है. सभी कांवरिया के साथ बाबा स्वयं चलते है. बाबा की अनुभूति हर पल मिलती है. जीवन में सबकुछ मिल जाती है, लेकिन कांवरिया पथ की याद सावन में अनायास आ जाती है. इसलिए तो कांवर लेकर घर से निकल पड़ते है. कांवरियों का जत्था कांवर लेकर चल पड़ते है. कहते है चलो बुलावा आया है,बाबा ने बुलाया है.

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