Sasaram news. दिव्यांग हो सकते हैं हाथीपांव के मरीज

Sasaram news. फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है. यदि इसकी पहचान समय से नहीं हुई, तो दिव्यांगता का रूप ले सकती है. यदि यह बीमारी एक बार हो गयी, तो इसे ठीक नहीं किया जा सकता.

By JITENDRA KUMAR | March 26, 2025 8:43 PM

सासाराम सदर. फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है. यदि इसकी पहचान समय से नहीं हुई, तो दिव्यांगता का रूप ले सकती है. यदि यह बीमारी एक बार हो गयी, तो इसे ठीक नहीं किया जा सकता. ये बातें बुधवार को सदर अस्पताल के मातृ शिशु अस्पताल में आयोजित जिलास्तरीय एमएमडीपी प्रशिक्षण के दौरान अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉ अशोक कुमार ने कहीं. इसके उन्मूलन के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है. इसके तहत जिला स्तरीय सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए सबसे पहले हमें इससे पीड़ित लोगों की पहचान करनी होगी और बीमारी की रोकथाम के लिए प्रत्येक वर्ष चलाये जाने वाली सर्वजन दवा सेवन अभियान में भी हमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना होगा. अभियान के दौरान जो दवा खिलायी जाती है, वह काफी कारगर होती है. यह फाइलेरिया की रोकथाम में सहायक होती है. अभियान के लक्ष्य को अंतिम पायदान तक के लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.

एमएमडीपी की दी जानकारी

प्रशिक्षण में डॉ असित रंजन ने सीएचओ को एमएमडीपी किट का इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी, ताकि फाइलेरिया पीड़ित मरीजों को इसकी इस्तेमाल के बारे में पूर्ण जानकारी दी जा सके. इस दौरान वहां मौजूद हाथीपांव से पीड़ित मरीज को एमएमडीपी किट इस्तेमाल करने की विधि बतायी गयी और हाथीपांव से पीड़ित मरीजों के लिए कितना जरूरी है, इसकी जानकारी दी गयी. वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों को एमएमडीपी किट मुहैया करायी गयी. इसको जल्द से जल्द लाभार्थी को बांटने की बात कही.

उन्मूलन और लाइन लिस्टिंग पर दिया गया बल

पीरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर संचारी रोग हेमंत कुमार ने सीएचओ को फाइलेरिया उन्मूलन में सहयोग करने की अपील की. उन्होंने सीएचओ को वर्ष 2023 में बांटे गये एमएमडीपी किट के बारे में बताते हुए वर्ष 2024 में सभी प्रखंडों को उपलब्ध कराये गये किट की भी जानकारी दी गयी. उन्होंने जिले में हाथीपांव से पीड़ित मरीजों की अधिक से अधिक लाइन लिस्टिंग करने की बात कही. उन्होंने सभी सीएचओ को अपने कार्य क्षेत्र में फाइलेरिया पेशेंट की पहचान कर जिला स्तर पर रिपोर्ट भेजने की बात कही. मौके पर वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी रोशन कुमार सिंह, संजीत कुमार, गौरव कुमार, मानसी भारती, पीरामल स्वास्थ्य की टीम लीड पल्लवी बॉस आदि मौजूद थे.

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