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Samastipur : अब 23 बिंदु पर जांचा जायेगा कक्षा में पढ़ाने का तरीका

बच्चों के सवाल पूछने से लेकर शिक्षकों के इसे हल करने की क्षमता तक का मूल्यांकन होगा.

By DIGVIJAY SINGH | May 29, 2025 10:29 PM
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Samastipur : समस्तीपुर . बच्चों के सवाल पूछने से लेकर शिक्षकों के इसे हल करने की क्षमता तक का मूल्यांकन होगा. एससीईआरटी निदेशक ने इसके लिए समस्तीपुर समेत सभी जिलों को निर्देश दिया है. स्कूलों में टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों की टीम पहुंचेगी. यह टीम कक्षा में बैठकर अवलोकन करेगी कि बच्चों का कक्षा में किस तरह संवाद हो रहा है. वे सवाल पूछ रहे हैं या नहीं. उनके सवाल पर शिक्षक कैसे उत्तर दे रहे हैं. लाखों रुपए खर्च कर शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के बाद स्कूलों में हुए सुधार का पता इसके माध्यम से लगाया जायेगा. एक टीचर ट्रेनिंग कॉलेज की टीम को पांच स्कूलों में मूल्यांकन का जिम्मा मिला है. ये कक्षा में अवलोकन करके पांच स्तर की ग्रेडिंग करेंगे. 23 बिंदु पर कक्षा में पढ़ाने का तरीका जांचा जायेगा. निदेशक विनायक मिश्र ने सभी डायट, अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय, प्रखंड अध्यापक शिक्षा संस्थान के प्राचार्य को इस संबंध में निर्देश दिया है. ट्रेनिंग कॉलेज के सभी संकाय सदस्य सप्ताह में एक दिन टैग स्कूलों में पहुंचेंगे. एक हाईस्कूल, एक मिडिल स्कूल और तीन प्राइमरी स्कूल में टीम के सदस्य पहुंचेंगे. निदेशक ने निर्देश दिया है कि यह शैक्षणिक मॉनिटरिंग हैं. ऐसे में टीम स्कूल के शिक्षकों के साथ मित्रवत व्यवहार करेंगे. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया की शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अब प्रशिक्षण प्राप्त कर निकले शिक्षकों के पढ़ाने की कौशल की मॉनिटरिंग की जायेगी. एसीईआरटी निदेशक ने इसको लेकर सभी प्रशिक्षण संस्थानों को पत्र जारी किया है. इसके तहत प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को दो स्कूलों से जोड़ा जायेगा, जहां उनके व्यवहार, पढ़ाने के तरीके और छात्रों पर प्रभाव का मूल्यांकन किया जायेगा. अधिकारी शिक्षकों की उपस्थिति, कक्षा संचालन, आधारभूत संरचना, शैक्षणिक गतिविधियों की जांच करेंगे. इसकी रिपोर्ट तैयार कर रैंकिंग दी जायेगी. मानिटरिंग में अगर शिक्षक असफल पाये जाते हैं, तो उन्हें संबंधित विषय पर दोबारा ट्रेनिंग लेने होंगे. जबकि मानिटरिंग की जिम्मेदारी डायट, सीटीई, पीटीईसी व बायट के शिक्षक और प्राचार्यों की होगी. पाठ-टीका की होगी जांच शिक्षक के शैक्षणिक गतिविधियों का मूल्यांकन करने से शिक्षक और छात्रों दोनों को लाभ होता है. यह शिक्षक को बेहतर शिक्षण के लिए प्रेरित करता है, छात्रों को बेहतर सीखने के लिए प्रेरित करता है, और शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करता है. छात्रों से फीडबैक लेने से शिक्षक को यह समझने में मदद मिलती है कि वे उनकी शिक्षण विधियों और सामग्री को कितना समझ पाते हैं और उन्हें क्या सुधार करने की आवश्यकता है. शिक्षकों को स्कूल में छुट्टी के बाद पाठ टीका तैयार करने के लिए कहा गया है. पाठ टीका में शिक्षकों को कक्षा में पढ़ाए जाने वाले चैप्टर के बारे में लिखना होता है. इसकी आधार पर शिक्षकों को अगले दिन पढ़ाना होता है. इसमें यह लिखना होता है कि किस शिक्षक ने कितनी घंटी ली. पाठ टीका का स्पष्ट अर्थ है कि शिक्षक प्रतिदिन कौन से कार्य किए और अगले दिन उन्हें क्या करना है. टीका में ये सारी जानकारी अंकित करते हैं ताकि ये सब बातें उन्हें याद रहे कि अगले दिन क्या करना है. इस तरह से महीने भर का पाठ टीका तैयार किया जा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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