Samastipur News:आलू व मक्का के संयोजन से बढ़ेगी किसानों की आय : डॉ तिवारी
डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के अधीनस्थ कृषि विज्ञान केन्द्र बिरौली में प्रसार कार्यकर्ताओं के लिए एक दिवसीय क्षमता विकास प्रशिक्षण का आयोजन किया गया
Samastipur News:पूसा : डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के अधीनस्थ कृषि विज्ञान केन्द्र बिरौली में प्रसार कार्यकर्ताओं के लिए एक दिवसीय क्षमता विकास प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. कृषि के क्षेत्र में विविधीकरण और कम लागत में अधिक मुनाफे को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित प्रशिक्षण आलू एवं मक्का की अंतरवर्ती खेती विषय पर केंद्रित रहा. संबोधित करते हुए केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ आरके तिवारी ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या व घटती जोत के बीच अंतरवर्ती खेती समय की मांग है. उन्होंने जोर देते हुए कहा आलू और मक्का का संयोजन एक लाभप्रद प्रणाली है. इससे प्रति इकाई क्षेत्र में उत्पादन बढ़ता है. बल्कि यह किसानों के लिए एक बीमा की तरह काम करता है. यदि किसी कारणवश एक फसल प्रभावित होती है तो दूसरी फसल से लागत की भरपाई हो जाती है. केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिक डॉ. कौशल किशोर ने मक्का की खेती पर तकनीकी जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि मक्का की बुवाई के समय कतारों के बीच की दूरी का प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण है. ताकि आलू की फसल को पर्याप्त धूप और स्थान मिल सके. उन्होंने उत्तम प्रभेदों के बीजों के चयन और खरपतवार नियंत्रण के वैज्ञानिक तरीकों पर भी विस्तृत प्रकाश डाला. उद्यानिकी विशेषज्ञ डॉ. धीरु कुमार तिवारी ने आलू की खेती के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की. कहा कि आलू के साथ मक्का उगाने से मिट्टी की नमी बनी रहती है. उन्होंने आलू में लगने वाले रोगों, विशेषकर झुलसा रोग से बचाव और कंदों के विकास के लिए आवश्यक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि आलू और मक्का दोनों फसल कम पानी चाहता है. इसलिए एक बार में अधिक पानी देने की जगह पर हल्की सिंचाई को नियमित अंतराल पर करना ठीक रहता है. उन्होंने कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया कि किसानों को उन्नत किस्मों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें. प्रशिक्षण सत्र के दौरान डॉ. रेड्डी फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने वैज्ञानिकों के साथ सीधा संवाद किया. फील्ड में आने वाली समस्याओं सिंचाई प्रबंधन और कीट नियंत्रण पर विशेषज्ञों ने उनकी शंकाओं का समाधान किया.
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