किताबों के दाम में 15% तक वृद्धि, अभिभावकों को परेशानी

सीबीएसई और एनसीआरटी की किताबों के कुछ निजी प्रकाशकों ने 15 फीसदी तक दाम बढ़ा दिये हैं.

By Prabhat Khabar | April 1, 2024 10:52 PM

समस्तीपुर . निजी स्कूलों में नये सत्र की पढ़ाई शुरू हो गई है. इसके साथ ही अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है. कारण बच्चों की किताब-कॉपियों का बोझ है. इनकी बढ़ी कीमतें जेब पर भारी पड़ रही हैं. सीबीएसई और एनसीआरटी की किताबों के कुछ निजी प्रकाशकों ने 15 फीसदी तक दाम बढ़ा दिये हैं. कॉपियों की कीमतें भी 15 फीसदी तक बढ़ी हैं. निजी प्रकाशकों ने डिजाइन, बेहतर प्रिंट और क्वालिटी के नाम पर अभिभावकों पर बोझ डाल दिया है. दुकानदार भी एमआरपी पर छूट देने से साफ इनकार कर दे रहे हैं. किताब-कॉपी की दुकानों पर ग्राहकों से इसे लेकर बहस भी हो रही है. यह हाल तब है जबकि मिलों ने कागज के दाम नहीं बढ़ाए हैं. खासकर कक्षा 9 से 12वीं तक की किताबों के दाम अधिक बढ़े हैं. नर्सरी से आठवीं कक्षा तक की पाठ्यपुस्तकों के अलावा स्टेशनरी के दाम में भी इजाफा हुआ है. कक्षा एक से आठ तक की किताब, कॉपी खरीदने में अभिभावकों पर 500 से 1500 रुपए तक का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है. यदि स्टेशनरी भी शामिल की जाए तो यह दबाव तीन हजार रुपए तक (प्रति विद्यार्थी) बढ़ा है. सबसे ज्यादा कीमत सीबीएसई बोर्ड के निजी प्रकाशकों की किताबों की बढ़ी है. अभिभावकों ने बताया कि कक्षा दो से लेकर पांच तक की किताब-कॉपी का खर्च 4200 रुपए के आसपास है. शहर के कई स्कूल खुलेआम सीबीएसई के निर्देशों का उल्लंघन और कानून तोड़ कर कैंपस में ही किताबें बेचने लगे हैं. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल के भीतर किताबें बेची जा रही हैं और गार्जियंस पर प्रेशर बनाया जा रहा है कि किताबें वहीं से खरीदें. जबकि सीबीएसई का स्पष्ट निर्देश है कि स्कूल किसी भी दुकान विशेष से यूनिफॉर्म, किताब-कॉपी की खरीदारी करने के लिए पेरेंट्स को बाध्य नहीं करेंगे. सीबीएसई ने कई बार इससे संबंधित निर्देश जारी किया है लेकिन हर बार कोई न कोई स्कूल इन नियमों की धज्जियां उड़ाता ही है. इनसेट:::::::::::::::: क्या हैं सीबीएसई के निर्देश -स्कूल में व्यावसायिक गतिविधि नहीं चलाई जा सकती है. -स्कूल एनसीईआरटी व सीबीएसई पब्लिकेशन की किताबें पढ़ायेंगे. -स्कूल अपने यूनिफॉर्म की बिक्री को लेकर किसी खास दुकान का जिक्र नहीं करेंगे. -व्यावसायिक गतिविधियों पर बोर्ड के एफिलिएशन नियम के तहत प्रतिबंध है -अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उस पर कार्रवाई की जायेगी.

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