Samastipur News:प्रैक्टिकल परीक्षा में अधिकतम 30 विद्यार्थियों को ही बैठाया जायेगा

सीबीएसई ने प्रैक्टिकल परीक्षा से संबंधित तैयारी शुरू कर दी है. विषयवार परीक्षकों की तैनाती कर संबंधित विद्यालयों को पत्र जारी कर दिया गया है.

By Ankur kumar | December 16, 2025 5:55 PM

Samastipur News:समस्तीपुर : सीबीएसई ने प्रैक्टिकल परीक्षा से संबंधित तैयारी शुरू कर दी है. विषयवार परीक्षकों की तैनाती कर संबंधित विद्यालयों को पत्र जारी कर दिया गया है. इस वर्ष भी 10वीं और 12वीं बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षा में एक बार में अधिकतम 30 विद्यार्थियों को ही बैठाया जायेगा. प्रैक्टिकल में शामिल एक-एक परीक्षार्थी के चेहरे की पहचान हो. इस तरह उनकी फोटो ली जायेगी. सीबीएसई बोर्ड ने सभी स्कूलों को इसका निर्देश दिया है. स्कूलों से कहा गया है कि 30-30 विद्यार्थियों का बैच बनाकर परीक्षा ली जायेगी. इसमें भी दो ग्रुप 15-15 परीक्षार्थियों में बांटा जायेगा. एक ग्रुप के 15 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे होंगे तो दूसरे ग्रुप की मौखिक परीक्षा ली जायेगी. प्रैक्टिकल परीक्षा की फोटो जियो टैगिंग के साथ अपलोड करनी है. इसमें लैब के संसाधन भी दिखने चाहिए. बोर्ड ने स्कूलों से कहा है कि फोटो परीक्षा के दिन ही अपलोड कर देना है. बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराई गई व्यावहारिक प्रयोगों की सूची में से व्यावहारिक प्रयोगों का चयन बाह्य एवं आंतरिक दोनों परीक्षकों की सहमति से किया जायेगा. मौखिक परीक्षा के लिए प्रश्न दोनों परीक्षकों द्वारा पूछे जायेंगे.

प्रश्नपत्र के साथ मूल्यांकन प्रक्रिया में बदलाव

बायोलॉजी के शिक्षक भौतिकी तो भूगोल के शिक्षक नागरिक शास्त्र की कॉपियां नहीं जांचेंगे. सीबीएसई 10वीं बोर्ड के प्रश्नपत्र में बदलाव के साथ मूल्यांकन प्रक्रिया भी बदली है. अब स्कूलों से शिक्षकों के ऑनर्स और सब्सिडियरी विषय की सूची मांगी गई है. इसी सूची के आधार पर 10वीं बोर्ड की कॉपियों को जांचने को परीक्षक नियुक्त किए जायेंगे. इससे पहले साइंस या सोशल साइंस विषय पर ही शिक्षकों की सूची जाती थी. साइंस और सोशल साइंस में सेक्शन बांटे जाने के बाद कॉपी जांच भी सेक्शन बांटकर ही परीक्षक करेंगे. इससे पहले साइंस के शिक्षक जो स्कूल में भौतिक पढ़ा रहे, वह बायोलॉजी की भी कॉपी जांच लेते थे जबकि उनका बायो विषय नहीं होता था. भौतिकी के साथ वे गणित लेकर पढ़े रहते थे. कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा 2026 के लिए विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषयों के प्रश्नपत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. बोर्ड ने सभी प्रधानाचार्यों और संस्थान प्रमुखों को भेजे निर्देश में बताया है कि इस वर्ष उत्तर पुस्तिकाओं में विद्यार्थियों को सेक्शन के अनुसार ही उत्तर लिखने होंगे. नई व्यवस्था के अनुसार विज्ञान प्रश्नपत्र को तीन भागों में विभाजित किया गया है सेक्शन-ए में बायोलाजी, सेक्शन-बी में केमिस्ट्री और सेक्शन-सी में फिजिक्स से संबंधित प्रश्न रहेंगे. इसी प्रकार सामाजिक विज्ञान प्रश्नपत्र को चार भागों में बांटा गया है. सेक्शन-ए इतिहास, सेक्शन-बी भूगोल, सेक्शन-सी राजनीतिक विज्ञान और सेक्शन-डी अर्थशास्त्र पर आधारित होगा. सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि विद्यार्थियों को अपनी उत्तर पुस्तिका में अलग-अलग सेक्शन बनाकर उन्हें उसी क्रम में उत्तर लिखने होंगे. किसी भी सेक्शन का उत्तर यदि दूसरे सेक्शन में लिखा, तो ऐसे उत्तरों के अंक नहीं मिलेंगे. पुनर्मूल्यांकन में भी बात नहीं बनेगी.

सीबीएसई स्कूलों में भी बनेगा एनआईओएस का परीक्षा केंद्र

सीबीएसई स्कूलों में भी एनआईओएस का परीक्षा केंद्र बनेगा. सीबीएसई ने सभी स्कूलों को इसे लेकर निर्देश दिया है. अप्रैल मई में होने वाली परीक्षाओं को लेकर बोर्ड ने सभी सीबीएसई स्कूलों को निर्देश दिया है. बोर्ड ने कहा है कि शिक्षा मंत्रालय के विद्यालय शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अधीन एक स्वायत्त संस्था, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान (एनआईओएस) है जो माध्यमिक उच्च माध्यमिक (कक्षा 12) और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए वर्ष में दो बार अप्रैल/मई और अक्टूबर/नवंबर में सार्वजनिक परीक्षाएं आयोजित करता है. एनआईओएस देश का सबसे बड़ा मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा प्रणाली है, जो विशेष रूप से समाज के सबसे वंचित वर्गों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करता है. एनआईओएस अपनी परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए सीबीएसई से संबद्ध विद्यालयों की सेवाओं और बुनियादी ढांचे का लाभ उठा सके, इसे लेकर निर्देश दिया गया है. एनआईओएस की अगली सार्वजनिक परीक्षाएं अप्रैल-मई 2026 में आयोजित होने वाली हैं. बोर्ड ने कहा है कि सीबीएसई स्कूल इसमें सहयोग प्रदान करें और लिंक के माध्यम से पंजीकरण करके सार्वजनिक परीक्षाओं के आयोजन के लिए अपनी सहमति दें. परीक्षा केंद्र स्थापित करने के नियम उन एनआईओएस वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं. ऑनलाइन आवेदन जमा करने का पोर्टल 31 दिसंबर तक खुला रहेगा. स्कूलों के सहयोग से एनआईओएस को अपने छात्रों के लिए सार्वजनिक परीक्षाएं आयोजित करने में सहायता मिलेगी.

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