नौकरी का झांसा देकर किया किड्नैप! नेपाल-बांग्लादेश भेजी जा रही थीं बिहार की तीन लड़कियां

Bihar News: समस्तीपुर जिले की तीन नाबालिग छात्राएं नौकरी की तलाश में घर से निकलीं और तस्करों के जाल में फंस गईं. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पूर्णिया से उन्हें सकुशल बरामद किया. दो तस्कर गिरफ्तार हुए, जबकि गिरोह की महिला सदस्य और एक युवक फरार हैं.

By Anshuman Parashar | September 19, 2025 3:57 PM

Bihar News: बिहार में समस्तीपुर के अंगारघाट थाना क्षेत्र से रहस्यमय तरीके से गायब हुई तीन नाबालिग छात्राओं को पुलिस ने एक सप्ताह बाद पूर्णिया से सकुशल बरामद कर लिया. ये छात्राएं 10 सितंबर को घर से नौकरी की तलाश में निकली थीं, लेकिन मानव तस्करों के जाल में फंस गईं. पुलिस ने इस मामले में दो तस्करों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह की महिला सदस्य और एक युवक मौके से फरार हो गए.

गरीबी ने बनाई राह खतरनाक

बरामद छात्राएं गरीब परिवार से हैं. उनके पिता दिहाड़ी मजदूर और राजमिस्त्री के काम से परिवार का पालन-पोषण करते हैं. छात्राओं ने बताया कि एक परिचित लड़की ने दिल्ली में काम दिलाने का भरोसा दिया था. इसी उम्मीद में वे घर से स्कूल जाने का बहाना बनाकर निकलीं और सीधे समस्तीपुर जंक्शन पहुंच गईं.

स्टेशन पर मिला पहला जाल

स्टेशन पर टिकट लेने की कोशिश के दौरान उन्हें एक महिला तस्कर मिली. उसने सहानुभूति दिखाते हुए मदद का भरोसा दिया और अपने साथ ले गई. महिला के साथ एक युवक भी था। दोनों ने दिल्ली और मुजफ्फरपुर में काम दिलाने का झांसा दिया.

मुजफ्फरपुर से पूर्णिया तक बंधक बनाए रखा

तस्कर गैंग ने छात्राओं को पहले मुजफ्फरपुर घुमाया, फिर पूर्णिया ले जाकर कप्तान पारा मोहल्ले में एक कमरे में बंद कर दिया. वहां उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी. बाहर निकलने पर सख्त रोक थी. छात्राओं को धीरे-धीरे समझ आया कि वे गलत हाथों में पड़ चुकी हैं.

मोबाइल से मिली जानकारी

कैद के दौरान उनमें से एक ने कमरे की रखवाली कर रही महिला की बच्ची से दोस्ती की और उसके पास से मोबाइल लेकर अपने घर फोन किया. परिवार ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. इसके बाद पूर्णिया पुलिस ने 17 सितंबर को छापेमारी कर तीनों को मुक्त कराया.

पुलिस का खुलासा

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मधेपुरा निवासी नीरज कुमार पासवान (32) और पूर्णिया के अमित कुमार (23) के रूप में हुई है. पूछताछ में उन्होंने माना कि छात्राओं को नेपाल और बांग्लादेश बेचने का सौदा तय हो चुका था. लेकिन पुलिस की सक्रियता से बड़ी वारदात होने से पहले ही छात्राओं को बचा लिया गया. पुलिस ने छात्राओं का मेडिकल परीक्षण कराया है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है. अधिकारियों ने कहा है कि इस गिरोह के पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए विशेष जांच टीम बनाई गई है.

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