Samastipur : दिल की बात खोलने में हिचक, मन में चल रहा कुछ अलग
फिल्म "रोटी " का गीत, ये पब्लिक है सब जानती है...चुनावी माहौल में सटीक बैठ रहा है.
समस्तीपुर . फिल्म “रोटी ” का गीत, ये पब्लिक है सब जानती है…चुनावी माहौल में सटीक बैठ रहा है. इस समय चाय की दुकान, चौराहों से लेकर गलियों में कहीं भी चार लोगों के एकत्रित होते ही चुनावी चर्चाओं का सिलसिला शुरू हो जा रहा है. मतदाता प्रत्याशियों के व्यवहार और उनके कार्यों को देख उनकी जीत का गणित लगाने में लगा है. हर चौक-चौराहे के अपने अनुमान हैं, अपने-अपने दावे हैं. कोई कह रहा है एनडीए आ रही है तो कोई ताल ठोककर कह रहा है कि महागठबंधन की वापसी तय है. मतदाता के मन की बात जानने प्रभात खबर टीम शहर में निकली तो सामने आया कि मतदाता वोट करने को लेकर उत्साहित हैं. कुछ मतदाता अपने दिल की बात खोलना नहीं चाहते, कुछ परिवर्तन की चाहत रखते हैं. वहीं कुछ ने प्रत्याशी का व्यवहार देखकर वोट देने की बात कही. इधर चुनाव बाद भले ही ऐसे लोगों को जातीय दुख-दर्द से कुछ लेना-देना नहीं रहता हो, लेकिन चुनाव तक तो लंबी-लंबी हांकने से बाज नहीं आते. चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही हर गांव मोहल्ले में ऐसे नेताजी की बाढ़ आ गई है. बागी चुनावी समीकरण में बड़ा बदलाव कर सकते हैं. चाय की दुकानों व नाश्ते की दुकानों पर ऐसे लोगों की भी चर्चा जोरों पर हैं. राजनीतिक के जानकारों का मानना है इस चुनाव में, जहां एक ओर भाजपा नेतृत्व वाला एनडीए अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेगा, वहीं राजद नेतृत्व वाला महागठबंधन अपनी जीती हुई सीट को बचाने के लिए जोर लगायेगा. वही जन सुराजी भी खेल बिगाड़ने की पूरी कोशिश करेंगे और मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश करेंगे. शहरी मतदाता चुप्पी साधे बैठे हैं. उसकी खामोशी उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ा रही है, क्योंकि शहरी मतदाता चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं. कुछ दल के नेता नगर निगम क्षेत्र के पार्षदों को गोलबंद करने की भी भरसक प्रयास कर रहे है ताकि जीत की राह आसान हो जाये. स्थानीय मुद्दे को उठाते हुए और शहर के चौमुखी विकास को लेकर मतदाता भी विभिन्न दल के प्रत्याशियों को घेर रहे है. 133 समस्तीपुर विधान सभा क्षेत्र में जगह-जगह हो रही चर्चा में लोग राजद और जदयू में टक्कर बता रहे हैं तो कुछ लोग जनसुराज को भी टक्कर में मानकर मुकाबला त्रिकोणीय बना रहे हैं. इस तरह लोग हार जीत का आकलन लगा रहे हैं. परिणाम क्या रहेगा और किस को जीत और किसको हार दिलायेगा, यह 14 नवम्बर को सभी के सामने आयेगा. तब तक लोग इसी तरह चुनावी चर्चा में मशगूल रहेंगे.
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