Samastipur News:एक्सपायर अग्निशमन यंत्र के सहारे सरकारी स्कूल व काॅलेज
गर किसी सरकारी काॅलेज व स्कूल में आग लग जाए तो स्कूल के पास तत्काल निपटने का कोई हल नहीं होगा. सरकारी विद्यालयों में आग से बचाव के लिए लगाये गये अग्निशमन यंत्र की सालों से रिफलिंग नहीं करायी गयी है.
Samastipur News:समस्तीपुर : अगर किसी सरकारी काॅलेज व स्कूल में आग लग जाए तो स्कूल के पास तत्काल निपटने का कोई हल नहीं होगा. सरकारी विद्यालयों में आग से बचाव के लिए लगाये गये अग्निशमन यंत्र की सालों से रिफलिंग नहीं करायी गयी है. ऐसे में इन स्कूलों में अगर कोई घटना घट जाये तो बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद शिक्षा महकमा इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से आग की घटनाओं पर काबू पाने को लेकर कई साल पहले अग्निशमन यंत्र लगवाये गये थे. इसके बाद आज तक उनकी रिफलिंग नहीं करायी गयी. इस तरह से वह स्कूलों के कमरों में धूल फांक रहे हैं. अधिकांश में तो जंग लग चुकी है. स्कूलों में ही बने रसोई घरों में मिड डे मील बनाया जाता है. स्कूलों में विद्युतीकरण भी हुआ है. ऐसे में कभी भी यहां आग लगने की घटना हो जाये तो मासूमों की जान पर आ सकती है. स्कूलों के रखरखाव के लिए हर साल विद्यालय अनुदान निधि दी जाती है. लेकिन इस निधि का ज्यादातर इस्तेमाल कागजों में ही दिखा दिया जाता है.
ना ही इसके उपयोग को लेकर ही कोई जानकारी है, मरम्मत के अभाव में कई स्कूलों में रखे अग्निशमन यंत्र जंग लगकर गलने भी लगे हैं. मौजूदा सत्र में भी विद्यालय अनुदान निधि के तहत स्कूलों को रुपये दिये गये हैं. इसके बाद भी स्कूलों में अग्निशमन यंत्रों का कोई रखरखाव नहीं हो रहा है. ऐसे में स्कूल में पढ़ रहे बच्चों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है. सूत्र बताते हैं कि करीब एक दशक पूर्व विद्यालयों को अग्नि शमन यंत्र दिया गया फिर उसके बाद विभाग ने इसकी सुध तक नहीं ली. जिसके बाद ये बेकार की वस्तु बनकर रह गयी. बाद में कचड़े में तब्दील हो गयी. बच्चों की सुरक्षा के लिए लगाये गये अग्निशमन यंत्र की दुर्दशा पर स्कूल प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. इस संबंध में पूछने पर जब स्कूल प्रशासन से जुड़े कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है.स्कूल को विद्यालय विकास मद से अग्निशमन यंत्र की रिफिलिंग करानी है. ऐसा नहीं हो रहा है तो यह गलत है. इस संबंध में स्कूलों को पत्र दिया जाएगा, बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है. इससे लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.
कामेश्वर प्रसाद गुप्ता
डीईओ, समस्तीपुरB
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