Samastipur : 14 रुपये किलो धान बेचने को विवश मोरवा के किसान

प्रखंड क्षेत्र के किसानों को यह कतई उम्मीद नहीं थी कि जिस मेहनत से उसने धान को उगाया है वह उसके लिए परेशानी का सबब बनेगा.

By Ankur kumar | December 12, 2025 5:20 PM

मोरवा . प्रखंड क्षेत्र के किसानों को यह कतई उम्मीद नहीं थी कि जिस मेहनत से उसने धान को उगाया है वह उसके लिए परेशानी का सबब बनेगा. औने-पौने दामों पर उसे बेचने को मजबूर होना पड़ेगा. उन्हें सरकारी समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल रहा है. बिचौलिए से 14 रुपये किलो धान बेचना उनकी मजबूरी है. लोगों का कहना है कि आखिर विभाग की क्या व्यवस्था है जब किसान के सारे धान जब बिचौलिए के हाथ से बिक जाते हैं फिर पैक्स किस धान की खरीदारी करता है. बताते चलें कि प्रखंड क्षेत्र में करीब 10000 एकड़ में धान की इस बार पैदावार हुई है. किसानों के खलिहान धान के बोरी से भरे हैं. उम्मीद थी कि इस बार बेहतर मुनाफा मिलेगा. जब समर्थन मूल्य 23 रुपये किलो घोषित किया गया तो किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लेकिन यह खुशी ज्यादा समय तक नहीं टिक सका. मालूम हुआ कि पैक्स धान खरीदने से इनकार कर रहा है. रबी की खेती करना जरूरी है. ऐसे में किसान धान बेचने को मजबूर हुए तो उनके धान की कीमत औने-पौने लगाई गई. कुछ किसानों को छोड़ दें तो अधिकांश किसानों ने इसी गिरी कीमत पर धान बेचकर अपना आगे की खेती करना शुरू कर दिया है. कुछ किसानों के दरवाजे पर धान शोभा की वस्तु बना है. किसान सियाराम राय, रविंद्र कुमार, हरेंद्र कुमार, शिवम कुमार, रणधीर कुमार सिंह आदि ने बताया कि धान की इतनी गिरी कीमत पर बेचने से लागत भी ऊपर नहीं होगा. इस बाबत पूछे जाने पर कई पैक्स अध्यक्ष ने किसी तरह की ठोस बात बताने से इनकार किया. कई सदस्यों का कहना था कि सरकार की नीति ही ऐसी है फिर धान की खरीद कर क्या करेंगे. जब लक्ष्य मिलेगा फिर उसके मुताबिक काम किया जायेगा. हालात इस समय यह हो चुका है कि किसानों के लिए धान सर दर्द साबित हो रहा है.

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