Samastipur News:लिपिकीय कार्य के लिए शिक्षिका का किया गया प्रतिनियोजन
जिला का शिक्षा विभाग अपने ही विभागीय रोक के बावजूद गैर शैक्षणिक कार्य में शिक्षकों का प्रतिनियोजन कर नियमों की धज्जियां उड़ाने पर लगा हुआ है ही,
Samastipur News:समस्तीपुर : जिला का शिक्षा विभाग अपने ही विभागीय रोक के बावजूद गैर शैक्षणिक कार्य में शिक्षकों का प्रतिनियोजन कर नियमों की धज्जियां उड़ाने पर लगा हुआ है ही, वहीं जिला प्रशासन भी शिक्षकों के प्रतिनियोजन करने से बाज नहीं आ रहा है. जिला प्रशासन ने चल-अचल संपत्ति की विवरणी लेने व अपलोड करने के कार्य मे सहयोग के लिए लिपिकीय कार्य के लिए शिक्षक को प्रतिनियुक्त किये जाने का पत्र जारी किया है. जिला प्रशासन के स्तर से जारी पत्र में लिपिक कार्य के लिए राज कुमार कंप्यूटर शिक्षक उमावि दलसिंहसराय, कोमल कुमारी उमावि दिनमनपुर दक्षिणी एवं पूजा शर्मा उमावि खानपुर उत्तरी को प्रतिनियुक्त किया गया है जो विद्यालय में पठन-पाठन कार्य को छोड़कर चल-अचल संपत्ति से जुड़े कार्यों में लिपिक का कार्य करेंगे. बताते चलें कि शिक्षा विभाग ने वर्ष 2016 से ही शिक्षकों की चुनाव,आपदा व जनगणना कार्यों को छोड़कर किसी भी गैर शैक्षणिक कार्यो के लिए प्रतिनियुक्ति पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा रखा है. साथ ही यह भी आदेश है कि शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति किये जाने पर शिक्षक का वेतन शिक्षा विभाग नहीं देगा. उनके वेतन का भुगतान प्रतिनियुक्त करने वाले पदाधिकारी के वेतन से देय होगा. वर्ष 2023 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक के पाठक के विभाग में पदस्थापन से पूर्व जिला में दर्जनों शिक्षक नियोजन इकाई, बीडीओ कार्यालय, जिला कार्यालय, बीइओ कार्यालय सहित शिक्षा विभाग के कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर थे. एसीएस केके पाठक के पदस्थापन होते ही पूरे जिले में प्रतिनियुक्त शिक्षक का प्रतिनियोजन रद्द करते हुए विद्यालय भेज दिया गया. लेकिन उनके विभाग से हटते ही जिला में फिर से प्रतिनियुक्ति का खेल जारी हो चुका है. सूत्रों की माने तो कुछेक शिक्षक और शिक्षिका विद्यालय की दूरी से बचने व अन्यत्र जाने के लिए कार्यालय से मिलकर प्रतिनियोजन के लिए लगे रहते हैं. अब देखना है कि शिक्षा विभाग गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर क्या निर्णय लेता है. विदित हो पूर्व में भी करीब दो दर्जन शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति गृहरक्षकों के स्वच्छ नामांकन के लिए शारीरिक दक्षता सक्षमता जांच परीक्षा को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए कर दी गई थी. सर्वोच्च न्यायालय का सख्त आदेश के बावजूद व शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीइ एक्ट) का उल्लंघन करते हुए जिले में शिक्षकों के प्रतिनियोजन का खेल लगातार जारी है.
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