जाम के दबाव से कराह रहा शहर, गांधीपथ व महावीर चौक सड़क बनी हंट स्पॉट

जाम के दबाव से कराह रहा शहर, गांधीपथ व महावीर चौक सड़क बनी हंट स्पॉट

By Dipankar Shriwastaw | November 18, 2025 12:05 PM

डीबी रोड में ओवरब्रिज निर्माण कार्य से जाम की समस्या बढ़ी, वन वे से जाम से मिल सकती है थोड़ी राहत सहरसा . विधानसभा चुनाव की समाप्ति के बाद से शहरी क्षेत्र में लोगों की आवाजाही फिर से काफी बढ़ गयी है. जिससे शहरी क्षेत्र में जाम की समस्या गंभीर बन गयी है. डीबी रोड में ओवरब्रिज निर्माण को लेकर चल रहे कार्य के कारण बंगाली बाजार व डीबी रोड दो भागों में विभक्त हो गया है. जिससे आवाजाही की समस्या खड़ी हो गयी है. सिर्फ एक रास्ता गांधीपथ होकर होने से यहां जाम की समस्या गंभीर होती जा रही है. लोग घंटों जाम में फंसकर परेशान हो रहे हैं. ओवरब्रिज निर्माण कार्य प्रारंभ होने से शंकर चौक से निर्माण स्थल के बीच रास्ता अवरुद्ध कर कार्य शुरू किया गया है. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा ओवरब्रिज निर्माण के लिए खाटू श्याम डेवलपर्स का कार्य प्रगति पर है, का बोर्ड लगाकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया है. शंकर चौक से निर्माण कार्य स्थल तक पूरी तरह रास्ता को ब्लॉक कर दिया गया है. जिसके कारण बड़े व छोटे वाहन भी नहीं चल रहे हैं. वहीं ई रिक्शा एवं मोटरसाइकिल परिचालन भी पूरी तरह ठप हो गया है. लोग किसी तरह अपने सामान को लेकर पैदल पार कर रहे हैं या वैकल्पिक मार्ग गांधी पथ होकर आ जा रहे हैं. जिससे इस सड़क पर यातायात का दबाव बढ़ जाने से जाम की समस्या उत्पन्न हो गयी है. इससे पूर्व बंगाली बाजार ढ़ाला, गंगाजल ढ़ाला पर ढ़ाला बंद रहने से जाम की समस्या होती थी. लेकिन अब शहर के अंदर भी जाम की समस्या उत्पन्न हो गयी है. जिसके समाधान की दिशा में वन वे मार्ग बनाने की जरूरत है. जिससे लोग कम से कम शहर के भीतर जाम की समस्या से निजात पा सके. बढ़ रही आबादी, व्यवस्था में नहीं हुआ परिवर्तन शहर की आबादी बढ़ रही है. लेकिन शहर की व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया है. पूर्व की सड़कों के चौड़ीकरण के बदले सड़कों पर अतिक्रमण जारी है. सड़कों पर छोटे बड़े वाहनों का दबाव बढ़ा है. लेकिन सड़कें सिकुड़ती जा रही है. जिसे देखने वाला कोई नहीं है. अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. जिससे शहर के अंदर भी अब जाम की समस्या बढ़ती जा रही है. जाम में वाहनों का सैकड़ों लीटर ईंधन बर्बाद हो रहा है. वाहन के धुंए से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. ओवरब्रिज निर्माण कार्य चलने से भी बढ़ी परेशानी बंगाली बाजार रेल ओवरब्रिज निर्माण कार्य इन दिनों प्रगति पर है. निर्माण कार्य स्थल की घेराबंदी करने से शहरी क्षेत्र का मुख्य बाजार दो भागों में बंट गया है. जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. निर्माण कार्य से लोग प्रसन्न अवश्य हैं लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था के अभाव में परेशानी झेलने को विवश हैं. यातायात विभाग को इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की जरूरत थी. लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिये जाने से गांधी पथ इन दिनों जाम स्थली बनकर रह गया है. वन वे व्यवस्था की है जरूरत गांधी पथ में लगने वाली महाजाम से मुक्ति के लिए वन वे व्यवस्था थोड़ी राहत दे सकती है. इसके लिए ट्रेफिक व्यवस्था का कड़ाई से पालन की जरूरत है. जिससे जहां जाम की समस्या में कमी आयेगी. वहीं लोग समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच पायेंगे. शहर की हृदयस्थली शंकर चौक पर भी जाम की समस्या बनी रहती है. बंगाली बाजार सब्जी मंडी होकर स्टेशन की ओर निकलना भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है. जिसके कारण महावीर चौक पर हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है. लोग परेशान होते रहते हैं. कब जाम लग जाये कहा नहीं जा सकता. एक बार जाम लगा फिर घंटों जाम की समस्या बनी रहती है. सड़कों से अतिक्रमण हटाने की है जरूरत शहरी क्षेत्र की ज्यों ज्यों आबादी बढ़ रही है अतिक्रमण के कारण सड़कों की चौड़ाई घट रही है. जिससे आये दिन विकट समस्या उत्पन्न हो रही है. जिला प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ यदा-कदा होने वाले कार्रवाई से तत्काल लाभ तो मिलता है. लेकिन थोड़े दिन बाद हालात उसी तरह बन जाते हैं. जिससे समस्या का समाधान नहीं हो पाता है. समय रहते जिला प्रशासन एवं नगर निगम अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करती है तो आने वाले समय में शहरी क्षेत्र में विकट जाम की समस्या उत्पन्न हो सकती है. नगर परिषद से नगर निगम बनने के बाद शहरी क्षेत्र की आबादी काफी बढ़ गयी है एवं आगे कहीं ज्यादा बढ़ने की संभावना दिख रही है. ऐसे में वाहनों की संख्या भी सड़कों पर काफी बढ़ेगी. जिसे देखते हुए अब शहरी क्षेत्र में चौडी सड़कों की जरूरत है. सभी मुख्य चौक चौराहे पर लग रहा महाजाम शहरी क्षेत्र के लगभग सभी चौक चौराहे पर जाम की समस्या बनी हुई है. जिससे ट्रैफिक पुलिस से लेकर सदर पुलिस तक को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है. जाम में अधिकारियों की गाड़ियों को कौन कहे मंत्रियों की गाड़ियां भी फंसती रही है. लेकिन इसके समाधान के लिए कोई निर्णायक समाधान नहीं ढूंढा जा सका है. जबकि अब इसके स्थायी समाधान की जरूरत है. स्थानीय लोग भी इसके लिए लगातार आवाज उठा रहे हैं. लेकिन समाधान की जगह अतिक्रमण का दायरा बढता जा रहा है. दशकों पूर्व बनी सड़कों के निकट हो रहे लगातार अतिक्रमण से सड़क की चौड़ाई पूर्व से भी कम हो रही है. जिससे दुर्घटनाएं भी बढी है एवं आगे भी बढ़ने की पूरी संभावना दिख रही है. जिस पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है.

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