एम्स मामले में चुनाव के बाद फिर संजीदा हो रहे पूर्णियावासी, पूछ रहे सवाल

पूछ रहे सवाल

By AKHILESH CHANDRA | November 18, 2025 6:20 PM

जिले के सभी जन प्रतिनिधियों को दिला रहे पुराने मुद्दे की याद, पहल की है अपेक्षा

तीन दशकों से उठ रही पूर्णिया में एम्स की मांग फिर भी पूरा नहीं हो सका है सपना

पूर्णिया. विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ पूर्णिया में एम्स की शाखा खोले जाने को लेकर पूर्णियावासी संजीदा हो रहे हैं. चुनाव के बाद इसके लिए लोगों ने जिले के तमाम जनप्रतिधियों का ध्यान आकृष्ठ किया है और कहा है कि सरकार का गठन होने के बाद इसके लिए पहल शुरू कर विकास की एक बड़ी सीढ़ी पार करने की जरुरत बतायी है. वैसे पूर्णिया के तमाम जनप्रतिनिधि भी एम्स के पक्षधर हैं जो समय-समय पर अपने स्तर से सदन में पहले भी मांग भी उठाते रहे हैं मगर, अब इस मांग को अमलीजामा पहनाए जाने पर पूर्णिया के लोग गंभीर दिख रहे हैं. समझा जाता है कि सरकार के गठन के बाद इस दिशा में सार्थक पहल हो सकती है.

याद रहे कि पूर्णिया भारत-नेपाल और बिहार-बंगाल की अलग-अलग सीमाओं सेे जुड़े जिलों का प्रमंडलीय मुख्यालय है. यहां कोशी प्रमंडल के जिलों से भी गंभीर रोगी इलाज के लिए पहुंचते हैं. आसपास के जिले से बड़ी संख्या में लोग यहां के अस्पताल और डॉक्टर के भरोसे है. इस लिहाज से यहां एम्स जैसा अति आधुनिक अस्पताल खुल जाने से बड़ी संख्या में आम लोगों को भला होगा और उन्हे बेहतर इलाज मिल पायेगा. चूंकि इस इलाके में बड़ी संख्या गरीबों की आबादी है इसलिए इस तबके को इलाज में काफी फायदा होगा. अभी इस इलाके में बेहतर इलाज की व्यवस्था का सर्वथा अभाव बना हुआ है. पटना और दिल्ली जाकर इलाज कराना गरीबों के लिए संभव नहीं है और यही कारण है कि रेफर किये जानेे के बावजूद इस तबके के लोग बाहर नहीं जातेे और बीमार माता-पिता या रिश्तेदारों को भगवान भरोसे छोड़़ देते हैं. इससे समय से पहले वे काल का ग्रास बन जाते हैं.

पूर्णिया में लंबे अर्से से हो रही एम्स की मांग

गौरतलब है कि पूर्णिया में एम्स की बड़ी जरुरत है इसलिए यहां लंबे अर्से से एम्स की मांग हो रही है. विधानसभा चुनाव के दौरा एम्स को लेकर प्रत्याशियों का ध्यान भी इस तरफ दिलाया गया था. चूंकि अब चुनाव की प्रक्रिया समाप्त हो गई है और सरकार का गठन भी 20 नवम्बर को होगा. इस लिहाज से लोग चाहते हैं कि जिले के सभी जनप्रतिनिधि सरकार बनते ही इसके लिए मुहिम शुरू कर दें ताकि समय रहते पूर्णिया में एम्स की सुविधा लोगों को मिल जाए. पूर्णियावासियों का कहना है कि पूर्णिया पूर्वोत्तर के राज्यों का सेन्टर प्वाइंट है. बेहतर इलाज के लिए यहां से तीन सौ किमी. दूर पटना जाने की जरुरत पड़ती है.

कोशी-पूर्णिया की बड़ी आबादी होगी लाभान्वित

लोगों का कहना है कि एक तो गरीब और मध्यम परिवारों के लोग हिम्मत नहीं जुटा पाते और कभी किसी जुगाड़ से निकल भी गये तो जुगत जुटाने के चक्कर में पटना पहुंचने से पहले जान चली जाती है. लोगों का कहना है कि पूर्णिया को एम्स मिलेगा तो इसका फायदा कोशी व पूर्णिया की बड़ी आबादी को मिलेगा. यहां दर्जनों जिले हैं जहां के नागरिक उपचार के लिए सीधे-सीधे पूर्णिया पर निर्भर हैं. यहां एम्स आएगा तो इन जिलों के लोगों को फायदा मिलेगा. उन्हें न्यूनतम दर पर अत्याधुनिक उपचार मिलने लगेगा.

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आंकड़ों का आईना

10 हजार मरीजों का जमावड़ा रोजाना पूरे सीमांचल से पूर्णिया आते हैं1000 से अधिक रोगी पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दिखाने आते हैं

400 के करीब मरीज प्रत्येक दिन इमरजेंसी सेवा के लिए आते हैं

300 से अधिक मरीजों के परिजन अस्पताल पहुंचते हैं

103 बेड मात्र मेल व फिमेल वार्ड में उपलब्ध हैं

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