लोकआस्था का महापर्व खत्म, लोकतंत्र के पर्व का अभियान आज से पकड़ेगा जोर
पूर्णिया
पूर्णिया. लोक आस्था का महापर्व मंगलवार को खत्म हो गया और इसी के साथ लोकतंत्र के महापर्व की कवायद तेज हो गई. हालांकि छठ व्रत के पारण की थकावट को लेकर मंगलवार को चुनाव की राजनीतिक गरमाहट बहुत नहीं रही पर समझा जाता है कि बुधवार से प्रत्याशियों का प्रचार अभियान जोर पकड़ेगा और इसी के साथ चुनावी माहौल भी गरमाएगा. वैसे, विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरे प्रत्याशियों की बेचैनी छठ के मौके पर भी कम नहीं हुई. नतीजतन अमूमन सभी प्रत्याशी अलग-अलग शहर के हर घाट पर पहुंचे और लोगों से मिले. इस दौरान कहीं किसी ने घाट पर अर्घ दिया तो किसी ने लोगों से गले मिलकर वोट भी मांगे. कई प्रत्याशी ऐसे भी दिखे जो हाथ जोड़े हुए घाटों पर पहुंचे और बिना कुछ बोले आंखों से मदद का इशारा करते हुए आगे बढ़ते चले गये.
दरअसल, विधानसभा चुनाव का अखाड़ा सजा हुआ है. आगामी 11 नवम्बर को दूसरे चरण में पूर्णिया में मतदान की तारीख तय है. बीच में छठ के चारदिवसीय महापर्व को लेकर चुनाव अभियान को ब्रेक लग गया था. मगर, अब कोई पर्व नहीं, सामने सिर्फ चुनाव है. बुधवार से न केवल प्रचार बल्कि जनसम्पर्क अभियान की रफ्तार भी तेज हो जाएगी. वैसे, मंगलवार की सुबह छठ घाटों पर घूम रहे प्रत्याशियों ने न केवल लोगों को महापर्व की बधाई दी बल्कि हाथ जोड़ कर आग्रह भी किया कि ‘अबकी हमरा पे ध्यान देबय चाचा!’ इस दौरान प्रत्याशियों ने अलग-अलग जो बातें रखी उससे यह मायने लगाया जा रहा है कि इस बार का चुनाव विकास बनाम बदलाव की लहर जोर पकड़ सकती है. यह अलग बात है कि घाटों पर मिले सभी प्रत्याशियों से मतदाताओं ने एक ही बात कही कि हम आपके ही साथ है.पार्टी दफ्तरों और चुनावी कार्यालयों में बढ़ी चहल-पहल
मंगलवार को दोपहर बाद से जिला मुख्यालयों के पार्टी दफ्तरों और चुनावी कार्यालयों में चहल-पहल तेज होने लगी है. छठ को लेकर दो दिनों से यहां लगभग सन्नाटा पसरा हुआ था. महापर्व सम्पन्न होने के बाद वनभाग स्थित भाजपा कार्यालय, नवरतन स्थित राजद कार्यालय और गोकुल कृष्ण आश्रम स्थित कांग्रेस कार्यालय समेत इनके चुनावी कार्यालयों में कार्यकर्ता पहुंचने लगे और चुनाव पर चर्चा करते नजर आए. कांग्रेस का चुनावी कार्यालय मंगलवार की शाम से विधिवत शुरू हो गया. राजनीतिक दलों के कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि पर्व के दौरान भी उनका प्रचार अभियान चलता रहा है पर वह अपेक्षाकृत धीमा रहा. बुधवार से यह अभियान रेस पकड़ लेगा. इस दौरान वे अपने-अपने हिसाब से चुनावी विमर्श करते रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
