बिहार: दिल्ली से आकर गंगा घाट पर भतीजे ने चाची का दाह संस्कार रोका, कहा- पहले प्रॉपर्टी मेरे नाम करो चाचा..

बिहार के सुल्तानगंज गंगा घाट पर संपत्ति विवाद में एक भतीजे ने अपनी चाची के शव का अंतिम संस्कार रोक दिया. करीब 4 घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा और उसके बाद पुलिस की मदद से ही अंतिम संस्कार हो सका. भतीजे की दाल कितनी गली.जानिए..

By Prabhat Khabar Print Desk | March 26, 2023 7:45 AM

Bhagalpur: सुलतानगंज के गंगा घाट पर शनिवार को एक महिला का शव चार घंटे तक दाह संस्कार के लिए पड़ा रहा.महिला की संपत्ति को लेकर परिवार के लोग इस कदर आपस में उलझ गए कि पार्थिव शरीर को भी बंधन से मुक्त होने के लिए इंतजार करवा दिया गया. मृतका के पति तब हैरान रह गए जब मुखाग्नि देने भी दो दावेदार सामने आ गए. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से मृतका को अंतिम अधिकार नसीब हुआ और वो पंचतत्व में विलीन हुई.

60 लाख रुपये की संपत्ति को लेकर विवाद

महिला की 60 लाख रुपये की संपत्ति को लेकर परिवार के लोग उलझ गये. महिला को मुखाग्नि देने दो दावेदार सामने आये. महिला का पति यह देख कर हैरान हो गया. शनिवार को जमुई के खैरा से महादेव सिंह अपनी पत्नी शैल देवी का शव लेकर दाह संस्कार करने कुछ लोगों के साथ पहुंचे थे.

दिल्ली से सीधे गंगा घाट पहुंचा भतीजा

गंगा घाट पर शव जलाने की तैयारी चल रही थी. इस दौरान महादेव सिंह का भतीजा पंकज सिंह दिल्ली से सीधे गंगा घाट पहुंच शव को दाह संस्कार करने से रोक दिया. चाचा उसे काफी समझने का प्रयास कर शव का दाह संस्कार करने देने की गुहार लगायी, लेकिन पंकज सिंह मानने को तैयार नहीं हुआ.

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दिल्ली सेआए भतीजे की शर्त

पंकज सिंह ने चाचा के सामने शर्त रखी कि चाची के नाम जो 60 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति है, मेरे नाम करने के बाद दाह संस्कार करने दिया जायेगा. लगभग चार घंटे तक शव को दाह संस्कार करने को लेकर विवाद चलता रहा.

विवाद देख पत्नी के दाह संस्कार को लेकर पति ने ली पुलिस की मदद

विवाद बढ़ता देख पति महादेव सिंह पत्नी के शव को श्मशान घाट पर छोड़कर सहयोगी लोगों के साथ थाना पहुंच कर घटना की जानकारी पुलिस को दी. पति ने पुलिस को बताया कि उनको कोई संतान नहीं है. पत्नी बहुत दिनों से बीमार थी. देखभाल व इलाज के लिए भाई, भतीजा ने कभी सहयोग नहीं किया. भतीजा मेरी संपत्ति को हड़पने का कई बार प्रयास किया. भतीजा के कारनामे को देख घर छोड़ कर अलग रहने लगे. देखभाल को लेकर साढू के बेटा को अपने पास रखा था. साढू का बेटा ही उनकी सेवा वर्षों से करते आ रहा है. पत्नी की अचानक मौत शुक्रवार देर रात हो गयी.

शव को दाह संस्कार के लिए सुलतानगंज घाट शनिवार को लाया, तो मुखाग्नि देने के लिए महादेव सिंह ने अपने साढू के बेटा को अधिकृत किया. कहा मेरे मरने के बाद मेरी संपत्ति का मालिक साढू का बेटा ही होगा. इसी को लेकर भतीजा ने शव को दाह संस्कार करने से रोक दिया. भतीजा पंकज सिंह खुद मुखाग्नि देना चाहता है, लेकिन इसकी इजाजत चाचा ने नहीं दी.

चार घंटे चला हाइवोल्टेज ड्रामा

शमशान घाट पर चार घंटे हाइवोल्टेज ड्रामा चलते देख भीड़ जुट गयी. दोनों पक्षों का बात सुन थानाध्यक्ष ने महादेव सिंह के द्वारा अधिकृत युवक से महिला को मुखाग्नि दिलायी. दाह संस्कार पुलिस की निगरानी में हुआ. पूरे घटनाक्रम का वीडियो और फोटोग्राफी करायी गयी.

Published By: Thakur Shaktilochan

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