हर दूसरे बूथ की होगी रियल टाइम और लाइव मॉनीटरिंग
विधानसभा चुनाव 2025 को पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की दिशा में निर्वाचन विभाग जुट गया है.

संवाददाता,पटना विधानसभा चुनाव 2025 को पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की दिशा में निर्वाचन विभाग जुट गया है. इस साल चुनाव के लिए होनेवाले मतदान की रियल टाइम व लाइव मॉनीटरिंग सीधे राज्य मुख्यालय और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की जायेगी. इसके लिए हर दूसरे बूथ की रियल टाइम व लाइव वेबकास्टिंग के माध्यम से निगरानी की व्यवस्था रहेगी. राज्य के करीब 39 हजार बूथों से मतदान का सीधा प्रसारण किया जायेगा. मतदान के अनुकूल माहौल के तहत इसे किया जायेगा. राज्यभर के 17.7 प्रतिशत मतदाताओं का मानना है कि बूथ पर अनुकूल माहौल के चलते वे मतदान करते हैं. राज्यभर में कुल 77895 बूथ स्थापित किये गये हैं. मतदान के दिन इन बूथों पर सुरक्षा से लेकर सभी प्रकार की सुविधाएं बहाल तो होंगी. साथ ही मतदाताओं को किसी तरह से भयभीत करने वाले किसी भी प्रत्याशी या उसके समर्थकों का असर नहीं हो. मतदान में कोई मतदान कर्मी, मजिस्ट्रेट, पदाधिकारी या पोलिंग एजेंट पक्षपात करने वाली किसी भी घटना की जानकारी लाइव वेबकास्टिंग से मिल सकेगी. निर्वाचन विभाग की ओर से 77895 बूथों में से विधानसभा चुनाव में 38948 बूथों से रियल टाइम वेबकास्टिंग करने की तैयारी की गयी है. इसको लेकर हर बूथ पर करीब 7700 रुपये खर्च आयेंगे. इस बार विधानसभा चुनाव में सिर्फ रियल टाइम वेबकास्टिंग पर कुल 35 करोड़ 66 लाख खर्च होने का अनुमान है. 2024 के लोस चुनाव में 39789 बूथों रियल टाइम वेबकास्टिंग हुई: मालूम हो कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 1354 बूथों (1.86 प्रतिशत) से लाइव वेबकास्टिंग की गयी थी. लोकसभा चुनाव 2024 में राज्य के 77462 बूथों में से 39789 बूथों (51.37 प्रतिशत) से रियल टाइम वेबकास्टिंग की गयी. क्या होती है लाइव वेबकास्टिंग मतदान के दिन बूथ की मॉनीटरिंग के लिए कैमरा लगाया जाता है. इसका कनेक्शन इंटरनेट से जोड़ा जाता है. बूथ पर होने वाली हर गतिविधि का सीधा प्रसारण इसके माध्यम से किया जाता है. लाइव वेबकास्टिंग की पहुंच जिला नियंत्रण कक्ष, सीइओ कार्यालय कक्ष और भारत निर्वाचन आयोग के नियंत्रण कक्ष को होती है. मतदान के दिन नियंत्रण कक्ष में बैठे पदाधिकारी बूथ की पल-पल की घटनाओं पर नजर रखते हैं. कहीं किसी प्रकार की घटना होने पर संबंधित जिले के जिला निर्वाचन पदाधिकारी को सीधा निर्देश दिया जाता है.
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