कोरोना से बचाव में नहीं होगी पैसे की कमी, नीतीश कुमार ने सभी विभागों के लिए तय किया खर्च का दायरा
राज्य में कोरोना काल की विकट परिस्थिति को देखते हुए वित्त विभाग ने खजाने से पैसे की निकासी और बजट के खर्च का उचित प्रबंधन करने से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किया है. ताकि राज्य की वित्तीय सेहत बेहतर बनी रहे और कोरोना की आपात स्थिति को देखते हुए इसके रोकथाम और बचाव में कहीं से पैसे की कोई कमी नहीं हो.
पटना. राज्य में कोरोना काल की विकट परिस्थिति को देखते हुए वित्त विभाग ने खजाने से पैसे की निकासी और बजट के खर्च का उचित प्रबंधन करने से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किया है. ताकि राज्य की वित्तीय सेहत बेहतर बनी रहे और कोरोना की आपात स्थिति को देखते हुए इसके रोकथाम और बचाव में कहीं से पैसे की कोई कमी नहीं हो.
वित्तीय वर्ष 2021-22 के शुरुआती चार महीने में इस मानक का पालन करते हुए सभी विभागों को अपने-अपने निर्धारित बजट में राशि खर्च करनी है.
इसके अनुसार, एक अप्रैल से 31 जुलाई तक 33 प्रतिशत राशि कुल बजट में और एक अगस्त से 30 नवंबर तक बजट में निर्धारित राशि का 32 प्रतिशत तक खर्च करनी है. यानी शुरू के आठ महीने में कुल बजट की 65 प्रतिशत राशि ही खर्च करनी है.
इसके बाद एक दिसंबर से 31 मार्च यानी चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक बची हुई 35 प्रतिशत राशि को खर्च करना है. इससे सभी विभागों में योजना को समान रूप से गति मिल सकेगी. वित्त विभाग के सचिव ने इससे संबंधित आदेश सभी विभागों को जारी कर दिया है.
इसके तहत सभी विभागों को यह भी कहा गया है कि राशि खर्च करने में स्थापना एवं प्रतिबद्धता मद में व्यय पर ज्यादा ध्यान देना है. वेतन और पेंशन की राशि में किसी तरह की कटौती नहीं होगी.
इसके बाद आपदा से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जायेगी. इसके बाद प्रमुख योजनाओं पर फोकस किया जायेगा. सभी विभागों को खजाने से खर्च को लेकर इस पाबंदी का सख्ती से पालन करने को कहा गया है.
Posted by Ashish Jha