‘गजेटियर-कम-एटलस ऑफ वाटर बॉडीज’ की उपयोगिता बढ़ेगी
मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने ‘गजेटियर-कम-एटलस ऑफ वाटर बॉडीज’ की उपयोगिता बढ़ाने के संबंध में कुछ जरूरी सुझाव दिये हैं.
संवाददाता, पटना मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने ‘गजेटियर-कम-एटलस ऑफ वाटर बॉडीज’ की उपयोगिता बढ़ाने के संबंध में कुछ जरूरी सुझाव दिये हैं. उन्हें जल्द ही अमल में लाकर इस पुस्तक की उपयोगिता बढ़ायी जा सकेगी. इस संंबंध में मंगलवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इसमें राजस्व विभाग द्वारा प्रकाशित ‘गजेटियर-कम-एटलस ऑफ वाटर बॉडीज’ की उपयोगिता पर चर्चा की गई. साथ ही पूर्णिया और कोशी प्रमंडल के सभी जिलों के जिला गजेटियरों की पांडुलिपि निर्माण की योजना पर भी चर्चा की गई. इसमें पूर्णियां, कटिहार, अररिया, किशनगंज, सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिला शामिल हैं.
जिलास्तर पर भी सलाहकार समिति बनाने का निर्देश
अपर मुख्य सचिव द्वारा सभी संबंधित समाहर्त्ताओं से कहा गया कि जिला स्तर पर भी ऐसी सलाहकार समितियों का गठन किया जाये ताकि जिलों के बारे में अध्ययन में आसानी हो सके. विभाग द्वारा सभी सात जिलों में टीम भेजी जायेगी जो संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर जानकारी इकट्ठा करेगी. इसके अलावा यह टीम जिलों के पुराने शिक्षाविदों, पत्रकारों और अन्य जानकार व्यक्तियों से मिलकर भी जानकारी इकट्ठा करेगी. इसकी प्रमाणिकता और सटीकता के लिए सरकारी अभिलेखों से तथ्यों का संकलन किया जायेगा. बैठक में अपर मुख्य सचिव ने बताया कि विभाग द्वारा एक साल के अंदर इन जिलों के गजेटियरों के प्रकाशन की योजना है. जल्द ही विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर के मानचित्रों का निर्माण कर जिलों को उपलब्ध कराया जायेगा. इसके अलावा किसी विभाग या जिले से किसी खास प्रकार की जानकारी के लिए भी वाटर एटलस को संबंधित डेटा के साथ संशोधित कर उन्हें उपलब्ध कराया जायेगा. ये रहे मौजूदमुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव, सचिव और विशेष सचिव के साथ विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, निदेशक सहित संबंधित जिलों के जिलाधिकारी और अपर समाहर्त्ता (राजस्व) भी मौजूद रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
