खतियानी जमीन में लड़की को भी मिलेगा हक, 100 रुपये के स्टांप पर होगा खतियानी जमीन का बंटवारा

ग्रामीण क्षेत्रों सहित शहरी क्षेत्रों में हो रहे जमीन विवाद को खत्म करने को लेकर बिहार सरकार ने पारिवारिक बंटवारा को लेकर कानून बनाया है. इसके तहत 100 रुपये के स्टांप पर बंटवारा कर परिवार के सदस्य को जमीन का मालिकाना हक मिलेगा.

By Prabhat Khabar | July 27, 2021 1:52 PM

मधुबनी. ग्रामीण क्षेत्रों सहित शहरी क्षेत्रों में हो रहे जमीन विवाद को खत्म करने को लेकर बिहार सरकार ने पारिवारिक बंटवारा को लेकर कानून बनाया है. इसके तहत 100 रुपये के स्टांप पर बंटवारा कर परिवार के सदस्य को जमीन का मालिकाना हक मिलेगा.

वर्ष 2018 में बने इस कानून के तहत वैसे जमीन की बंटवारा किया जा सकता है. जो खतियानी या हाल हासिल जमीन है. जिला अवर निबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के तहत जमीन के कानूनी हकदार अगर चाहे तो वह उस जमीन को अपने बच्चों के बीच बराबर को बांट कर सभी को मालिकाना हक दे सकता है.

इसके लिये भू-स्वामी जिनके नाम से खतियानी जमीन है. वह किसी सक्षम पदाधिकारी या जनप्रतिनिधि से पारिवारिक सूची बनाकर जमीन का चौहदी के साथ 100 रुपये का स्टांप खरीद कर उस पर बराबर के हिस्सा का बंटवारा कर सकता है.

जिला अवर निबंधन पदाधिकारी रिंकी कुमारी ने कहा कि सरकार के तरफ से लागू इस योजना का लाभ लोग नहीं ले रहे. कहा कि पिछले दो साल में सिर्फ दो मामला आया है. निबंधन पदाधिकारी ने कहा कि जो व्यक्ति खुद जमीन खरीद किया है.

उस पर भी यह नियम लागू होता है. लेकिन लोग ये बात नहीं समझ रहे. उनका कहना था कि खतियानी जमीन में अगर किसी को चार लड़का है. और दो लड़की है. तो उस जमीन के बंटवारा के समय लड़की के पक्ष भी रखना होगा. कारण नए नियम के तहत खतियानी जमीन में लड़की का भी हक होता है.

अगर लड़की लिखकर देती है तो फिर उसको भी उस स्टांप पर दर्शाना पड़ेगा. कहा कि इस कानून के तहत जो बंटवारा होता है. उसमें किसी तरह की झंझट की संभावना नहीं होती. लेकिन कानून में बहुत सारा नियम ऐसा भी दिया गया है, जिसके वजह से लोग इस ओर ध्यान नहीं देते.

कहा कि इस कानून में वैसे जमीन को नहीं रखा गया है जो माता या पत्नी के नाम से हाल में खरीद किया गया है. उन्होंने कहा कि सभी को इसका लाभ लेना चाहिये. ताकि घर के मुखिया के निधन के बाद जो जमीन विवाद को लेकर झंझट होता है. उस पर रोक लग सकेगा.

Posted by Ashish Jha

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