राज्य के सभी जिलों में खुलेंगे स्पोर्ट्स एक्रिडिऐशन सेंटर
बिहार में धीरे-धीरे खेल का इकोसिस्टम विकसित होने लगा है. एक तरफ जहां राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है.
संवाददाता,पटना बिहार में धीरे-धीरे खेल का इकोसिस्टम विकसित होने लगा है. एक तरफ जहां राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर भी विकसित हो रहे हैं. इधर, खिलाड़ियों और खेल संगठनों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने केंद्र के सहयोग से सभी जिलों में स्पोर्ट्स एक्रिडिऐशन सेंटर बनाने जा रही है, ताकि राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राज्य स्पोर्ट्स एकेडमी की सहायता मिल सके. एक्रिडिटेशन सेंटर्स में खेलो इंडिया के तहत एथलीट को प्रशिक्षण, उपकरण और अन्य सुविधाएं अधिकतम आठ वर्ष तक के लिए उपलब्ध करायी जाती है. एक्रिडिटेशन सेंटर द्वारा खेल कार्यक्रम या संस्था को दी जाती है मान्यता : स्पोर्ट्स एक्रिडिटेशन सेंटर एक संगठन या संस्था है, जो किसी खेल कार्यक्रम या संस्था को मान्यता देती है.यह मान्यता यह सुनिश्चित करती है कि कार्यक्रम या संस्था निर्धारित मानकों का पालन करती है, जैसे कि उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण, नैतिकता और खेलों के प्रति सम्मान.एक मान्यता प्राप्त संस्था होने के कई फायदे हैं.उदाहरण के लिए, मान्यता प्राप्त संस्थाओं को अधिक मान्यता प्राप्त होती है, और वे खिलाड़ियों को अधिक अवसर प्रदान कर सकते हैं.मान्यता प्राप्त संस्थाओं को वित्तीय सहायता और समर्थन भी प्राप्त हो सकता है. पाटलिपुत्र खेल परिसर का चयन स्टेट लेवल खेलो इंडिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस : केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा बिहार के लिए पटना के कंकड़बाग स्थित पाटलिपुत्र खेल परिसर को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में चयन किया गया है.यहां एथलेटिक्स,कुश्ती और भारोत्तोलन खेल विधा के लिए इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में चयन किया गया है.
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