बिहार में 40518 प्रधान शिक्षकों के पद सृजन को मंजूरी, शिक्षा विभाग ने जारी की अधिसूचना

कैबिनेट की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश क राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों के लिए 40518 प्रधान शिक्षक पदों के सृजन को मंजूरी दे दी गयी है. शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग से औपचारिक सहमति लेकर इस संदर्भ में औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है.

By Prabhat Khabar | October 6, 2021 6:14 PM

पटना. कैबिनेट की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश क राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों के लिए 40518 प्रधान शिक्षक पदों के सृजन को मंजूरी दे दी गयी है. शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग से औपचारिक सहमति लेकर इस संदर्भ में औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है. अब इन प्रधान शिक्षकों के नियुक्ति की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.

विशेष तथ्य

  • – प्रदेश में प्रधान शिक्षकों के पद पहली बार सृजित किये गये हैं.

  • – यह पद शिक्षा विभाग के अधीन होंगे. पंचायतों एवं नगरीय निकायों का कोई नियंत्रण नहीं होगा.

  • – वर्तमान में प्रदेश के 40518 राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों में से पदस्थापित शिक्षको में से वरीय शिक्षक ही प्रधान शिक्षक के रूप में कार्य करते हैं. अब तक प्रधान शिक्षक का पद अलग से सृजित नहीं था.

सरकार के विशेष सचिव सतीश चंद्र झा के आधिकारिक पत्र के मुताबिक पंचायती राज संस्था एवं नगर निकाय संस्था के अधीन पंचायत प्रारंभिक एवंनगर प्रारंभिक शिक्षकों के मूल कोटि के स्वीकृत 80703 में से 40518 पद को प्रत्यार्पित करते हुए इतने ही प्रधान शिक्षकों के पदों को सृजन करने की अनुमति दी है.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों के लिए 2006 में 2020-21 की अवधि के लिए वर्ष 1, 65, 336 शिक्षक के पद सृजित हैं. इन पदों में से 84,633 पद संबंधित नियोजन इकाइयों को जिलों के माध्यम से नियुक्ति के लिए आवंटित किये जा चुके हैं.

शेष 80703 पद जिलों को अभी आवंटित किया जाना था. इन पदों पर कार्यरत शिक्षकों के भुगतान के लिए राज्य सरकार की तरफ से संबंधित पंचायती राज संस्था एवं नगर निकाय संस्था को अनुदान की राशि दी जाती है.

वर्तमान में राज्य के राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों में 40518 प्रधान शिक्षकों के पदों के सृजन की जरूरत है. दरअसल इतने ही प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पद रिक्त थे. लिहाजा राज्य सरकार के अधीन 80703 पंचायत शिक्षक/नगर शिक्षकों के सृजित पद की आवश्यकतानुसार जिलों को आवंटित किया जायेगा, जिस पर भविष्य में संबंधित नियोजन इकाई की तरफ से नियोजन की कार्यवाही की जा सकेगी.

Posted by Ashish Jha

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