पटना: नौ साल में ही नर्क बना रेलवे के कर्मचारियों का आशियाना, बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव

पूर्व मध्य रेलवे के कर्मचारियों के लिए पटना में सीडीए बिल्डिंग के पास अपार्टमेंट बनाया गया है. जिसके बेसमेंट पर सैप्टिक टैंक बनाया गया है, लेकिन की सफाई पिछले नौ सालों में एक भी बार नहीं हुई है. इससे बरसात के वक्त सैप्टिक टैंक ओवरफ्लो करने लगता है.

By Prabhat Khabar | May 8, 2023 1:34 AM

पूर्व मध्य रेलवे के कर्मचारियों के लिए पटना में सीडीए बिल्डिंग के पास अपार्टमेंट का निर्माण किया गया है. न्यू रेलवे कॉलोनी, राजेंद्र पथ स्थित इस अपार्टमेंट में रेलवे के ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारी रहते हैं . लेकिन महज नौ साल में ही देखरेख के अभाव में करोडों की लागत से बनाया गया यह अपार्टमेंट अब यहां रहने वाले कर्मचारियों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. सैप्टिक टैंक भर गया है. पानी की टंकी में काई जम चुका है. बाउंड्रीवाल छोटा होने के कारण चोरी की घटनाएं हो रही हैं. सप्लाइ का पानी गंदा आ रहा है. दरअसल, पटना, राजेंद्र नगर, फतुहा, बाढ़ सहित दूसरे स्टेशनों पर काम करने वाले ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों के लिए साल 2014 में पूर्व मध्य रेलवे ने इसका निर्माण कराया था. लेकिन, बाद में अधिकारियों ने इसकी सुध नहीं ली.

गंदगी, बदबू और बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बीच रहते हैं कर्मचारी

27 दिसंबर, 2014 को पूर्व मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक मधुरेश कुमार ने न्यू रेलवे कॉलोनी में इस अपार्टमेंट का उद्घाटन किया था. इसमें दो ब्लॉक हैं. दोनों में 12-12 फ्लैट हैं. इनमें रहनेवाले कर्मचारी और उनके परिजनों की संख्या करीब 150 है. अपार्टमेंट के बेसमेंट पर सैप्टिक टैंक बनाया गया है, लेकिन की सफाई पिछले नौ सालों में एक भी बार नहीं हुई है. इससे बरसात के वक्त सैप्टिक टैंक ओवरफ्लो करने लगता है.

वहीं, यहां रहने वाले कर्मचारी अरुण कुमार के मुताबिक पानी टंकी की कभी भी सफाई नहीं होती है. यहां रहने वाले कर्मचारियों ने कई बार यहां अव्यवस्था से जुड़ी शिकायतें वर्क एइएन से कीं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ. कुल मिलाकर इस अपार्टमेंट का मेंटनेंस जीरो है. एक बड़ी दिक्कत वाटर सप्लाइ लाइन से भी जुड़ी है. जिस पाइप से पानी की आपूर्ति इस फ्लैट्स में होती है, वह जगह-जगह टूट चुका है. कर्मचारियों की शिकायत है कि अपार्टमेंट के 90 फीसदी फ्लैक्ट में टाइल्स नहीं है. कुछ लोगों ने अपने पैसे से टाइल्स लगवाया है. पिछले नौ साल में अपार्टमेंट की रंगाई-पुताई भी नहीं हुई है.

क्या कहते हैं यहां रहने वाले कर्मचारी

  • कई बार अव्यवस्था से जुड़ी शिकायतें आला अधिकारियों से की गयीं, लेकिन समाधान नहीं हो सका है. फ्लैट के कमरे काफी छोटे हैं. –मनतोष, कर्मचारी, रेलवे

  • सबसे अधिक समस्या सैप्टिक टैंक को लेकर है. जब भी बारिश होती है, बदबू की वजह से घर से निकलना मुश्किल होता है – अरुण कुमार, कर्मचारी

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