जेपी आंदोलन से शुरू डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह का सियासी सफर आरजेडी इस्तीफे पर हुआ खत्म

पटना : दिवंगत समाजवादी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह का राजनीतिक सफर सही मायने में जेपी आंदोलन से शुरू हुआ और 10 सितंबर को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से इस्तीफे पर खत्म हुआ. हालांकि, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं किया था. दरअसल, रघुवंश प्रसाद सिंह का राजनीतिक सफर जेपी आंदोलन से प्रारंभ हुआ. 1977 में वह पहली बार विधायक चुने गये. इसके बाद बिहार में कर्पूरी ठाकुर सरकार में वे मंत्री भी बने थे. वह बिहार के वैशाली लोकसभा क्षेत्र से पांच बार सांसद चुने गये थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2020 3:24 PM

पटना : दिवंगत समाजवादी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह का राजनीतिक सफर सही मायने में जेपी आंदोलन से शुरू हुआ और 10 सितंबर को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से इस्तीफे पर खत्म हुआ. हालांकि, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं किया था. दरअसल, रघुवंश प्रसाद सिंह का राजनीतिक सफर जेपी आंदोलन से प्रारंभ हुआ. 1977 में वह पहली बार विधायक चुने गये. इसके बाद बिहार में कर्पूरी ठाकुर सरकार में वे मंत्री भी बने थे. वह बिहार के वैशाली लोकसभा क्षेत्र से पांच बार सांसद चुने गये थे.

वर्ष 1990 में लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री बने तो रघुवंश प्रसाद सिंह विधान पार्षद बनाये गये. तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवेगोड़ा के कार्यकाल में वे केंद्रीय मंत्री बनाये गये. रघुवंश प्रसाद सिंह की राष्ट्रीय राजनीति में पहचान अटल सरकार के दौरान बतौर आरजेडी नेता के रूप मिली. उन्होंने राजग सरकार की सख्त आलोचना की. तब लालू प्रसाद बिहार के मधेपुरा से लोकसभा चुनाव हार गये थे. लिहाजा रघुवंश प्रसाद सिंह लोकसभा में पार्टी के नेता बनाये गये थे.

रघुवंश प्रसाद सिंह के सियासी सफर पर एक नजर…

-1973 में उन्‍हें संयुक्‍त सोशलिस्‍ट दल का सचिव नियुक्त किया गया.
– 1977 से 1990 तक वह बिहार विधानसभा के सदस्‍य रहे.
– इसी बीच 1977 से 1979 तक उन्होंने बिहार सरकार में ऊर्जा मंत्री का पद संभाला.
– इसके बाद 1980 में उन्‍हें लोकदल का अध्‍यक्ष बनाया गया था.
– 1996 में पहली बार वह वैशाली से 11 वीं लोकसभा का सदस्य चुने गये.
– इसके बाद वे लगातार 2009 तक वैशाली सीट से लोकसभा के लिए चुने जाते रहे.
– 1996 से 1997 के बीच उन्हें केंद्रीय पशुपालन और डेयरी उद्योग राज्‍य मंत्री रहे.
– 2004 से 2009 तक वह केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री के पद पर भी रहे.

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