सभी मेडिकल कॉलेजों में इसी सप्ताह शुरू होगा ऑक्सीजन प्लांट, आज से पटना के दोनों विद्युत शवदाह की मशीनें करेंगी काम

बांस घाट में गुरुवार से दोनों विद्युत शव दाह मशीनें काम करेंगी. इसके बाद परिजनों को डेड बॉडी के दाह संस्कार कराने में लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बुधवार की देर रात तक खराब विद्युत शव दाह की एक मशीन को दुरुस्त करने का काम होता रहा.

By Prabhat Khabar | April 15, 2021 10:31 AM

पटना. बांस घाट में गुरुवार से दोनों विद्युत शव दाह मशीनें काम करेंगी. इसके बाद परिजनों को डेड बॉडी के दाह संस्कार कराने में लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बुधवार की देर रात तक खराब विद्युत शव दाह की एक मशीन को दुरुस्त करने का काम होता रहा. जानकारों के अनुसार गुरुवार से दोनों मशीन के काम करने से परेशानी कम होगी.

बांस घाट में एक ही मशीन के चालू होने से डेड बॉडी के दाह संस्कार में होनेवाली परेशानी को लेकर प्रभात खबर ने प्रमुखता से बुधवार की अंक में प्रकाशित किया. इसके बाद नगर निगम प्रशासन ने इसे संज्ञान लेते हुए खराब मशीन को दुरुस्त कराने का काम किया.

निगम सूत्र ने बताया कि विद्युत शव दाह मशीन की एक पार्ट में खराबी की वजह से काम करना बंद कर दिया था. इससे एक ही मशीन पर डेड बॉडी के दाह संस्कार का लोड बढ़ गया था. मंगलवार की देर रात तक लोगों को डेड बॉडी को दाह संस्कार कराने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था.

मिली जानकारी के अनुसार बांस घाट में एक ही मशीन के चालू होने से बुधवार को दाह संस्कार के लिए आये डेड बॉडी को गुलबीघाट व खांजेकला घाट भी भेजा गया. इससे बांस घाट में कम लोड रहा. रात लगभग नौ बजे भी पांच डेड बॉडी का दाह संस्कार बचा हुआ था. एक ही मशीन के लगातार चलने से अधिक गर्म होने के कारण मशीन को बंद भी करना पड़ा था.

एक सप्ताह में सभी मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगा ऑक्सीजन प्लांट

राज्य में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट एक सप्ताह में शुरू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि एनएमसीएच में ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो चुका है.

गुरुवार को पीएमसीएच में यह शुरू हो जायेगा. इसके बाद जीएमसी, बेतिया व अन्य मेडिकल मेडिकल कॉलेजों में भी ऑक्सीजन की आपूर्ति सीधे मरीजों के बेड तक होने लगेगी. उन्होंने बताया कि अब सरकार मुख्यरूप से टेस्ट और ट्रीटमेंट पर फोकस कर रही है. इसी को देखते हुए जांच अधिक संख्या में बढ़ाने और इलाज में आनेवाली सभी बाधाओं को दूर करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version