नालंदा का युवक और गया की महिला निकली पाॅजिटिव, मरीजों की संख्या बढ़ कर हुई 24

बिहार की राजधानी पटना में कोरोना वायरस को लेकर दहशत है. वहीं, बिहार में बुधवार को दो और कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज मिले है. आबुधावी से लौटे नालंदा जिले के सिलाव के 24 वर्षीय युवक और दुबई से लौटी 40 वर्षीया महिला की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव निकली है.

By Radheshyam Kushwaha | April 2, 2020 7:35 AM

पटना. बिहार की राजधानी पटना में कोरोना वायरस को लेकर दहशत है. वहीं, बिहार में बुधवार को दो और कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज मिले है. आबुधावी से लौटे नालंदा जिले के सिलाव के 24 वर्षीय युवक और दुबई से लौटी 40 वर्षीया महिला की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव निकली है. इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 24 हो गयी है. इधर, स्वस्थ होने के बाद एनएमसीएच में भर्ती फुलवारीशरीफ के स्काटलैंड से आये युवक और देर रात पटना सिटी इलाके के फैयाज को बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया गया.

राज्य में तीन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गयी है. इससे पहले पटना एम्स में भर्ती पटना के दीघा की एक महिला को सोमवार को डिस्चार्ज किया गया था. वहीं, एक मरीज की मौत हो चुकी है. आरएमआरआइ के निदेशक डॉ पीके दास ने बताया कि बुधवार को कुल 262 सैंपल जांच के लिए मेरे संस्थान में आये, जिनमें दो पॉजिटिव पाये गये और बाकी सभी रिपोर्ट निगेटिव रही. राज्य में अब तक कुल 1619 सैंपलों की जांच की गयी है. आइजीएमएस में बुधवार को 92 सेंपल की जांच की गयी, इसमें सारे कोरोना निगेटिव पाये गये.

चार हजार लौटे विदेशों से, सभी करायी जा रही जांच

मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि राज्य में 15 से 23 मार्च तक कुल चार हजार लोग बिहार आये हैं. एक-एक लोगों को ट्रेस किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जो बाहर से प्रवासी आये हैं, वे हाइरिस्क के हैं. इनको स्कूल में रहने-खाने की व्यवस्था की जायेगी. यह उनके हक में हैं. जो बाहर से आये हैं, उनको क्वारंटीन में रखे बगैर लॉकडाउन का मकसद भी पूरा नहीं होगा. मंगलवार को जो छह पॉजिटिव केस आये, वे एक्टिव स्क्रीनिंग से पहचान में आये हैं.

ऐसा किसी भी अन्य राज्य में नहीं किया जा रहा है. बिहार पहला राज्य है, जहां पर एक्टिव स्क्रीनिंग की जा रही है. यहां जितने विदेश से लौटे हैं, उनकी प्रतिदिन पहचान की जा रही है. राज्य में 15 से 23 मार्च तक आनेवालों की शत-प्रतिशत जांच करायी जा रही है. अगर एक्टिव स्क्रीनिंग नहीं होती तो विदेशों से ये छह लोगों की पहचान नहीं होती. इनमें पहले से कोरोना के लक्षण भी नहीं थे.

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