Bihar News: सम्राट अशोक के बहाने फिर आमने-सामने जदयू और भाजपा! जानें किस विवाद से गरमायी बिहार की सियासत

बिहार में भाजपा और जदयू फिर आमने-सामने दिख रही है. इस बार मामला एक लेखक के द्वारा सम्राट अशोक के ऊपर किये गये आपत्तिजनक टिप्पणी का है. जानें पूरा मामला...

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2022 2:58 PM

वरिष्ठ लेखक और नाटककार साहित्य अकादमी पुरस्कार व पद्म श्री से सम्मानित दया प्रकाश सिन्हा के द्वारा सम्राट अशोक के बारे में विवादित टिप्पणी से बिहार की सियासी गरमायी हुई है. लेखक ने सम्राट अशोक की व्याख्या कामुक, क्रूर और बदसूरत जैसे शब्दों से किया तो जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इस मामले पर आवाज उठायी. लेखक के पुरस्कारों को वापस लेने भर की मांग ही नहीं की बल्कि भाजपा से आग्रह किया कि लेखक को निष्कासित करे. उधर भाजपा अपनी तरफ विवाद का पल्ला आता देख अब सफाई देने में जुट गयी है.

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बुधवार को कहा है कि सम्राट अशोक के बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले से पद्मश्री सम्मान वापस ले लेना चाहिए. इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पद्मश्री वापस लेने की मांग की है. ललन सिंह ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि प्रियदर्शी सम्राट अशोक मौर्य बृहत और अखंड भारत के निर्माता थे.

ललन सिंह ने कहा कि सम्राट अशोक के बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल असहनीय है, अक्षम्य है. जिस व्यक्ति ने ऐसा किया है वह विकृत विचारधारा से प्रेरित है. उनके द्वारा स्थापित अशोक स्तंभ और अशोक चक्र विश्व विख्यात और राष्ट्रीय धरोहर है. वैसे व्यक्ति के बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल असहनीय है. नयी संस्कृति और नयी सभ्यता में यह कहीं से स्वीकार्य नहीं है. ललन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय धरोहर के बारे में ऐसे टिप्पणी करने वाला कोई भी पुरस्कार का हकदार नहीं हो सकता. कहा कि सम्राट अशोक के नाम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई योजनाएं चला रहे हैं.

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वहीं इस पूरे मामले पर भाजपा भी अब मैदान में है. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्राचीन भारत के यशस्वी सम्राट अशोक का भाजपा सम्मान करती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी किया था. हमने ही 2015 में पहली बार सम्राट अशोक की 2320 वीं जयंती बड़े स्तर पर मनायी और फिर बिहार सरकार ने अप्रैल में उनकी जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की.इस साल नौ अप्रैल को बिहार सरकार ने सम्राट अशोक जयंती पर सार्वजनिक अवकाश दिया है.

सुशील मोदी ने कहा कि सम्राट अशोक पर जिस लेखक (दया प्रकाश सिन्हा) ने आपत्तिजनक टिप्पणी की, उनका आज न भाजपा से कोई संबंध है और न उनके बयान को बेवजह तूल देने की जरूरत है.भाजपा का राष्ट्रीय स्तर पर कोई सांस्कृतिक प्रकोष्ठ नहीं है. उन्होंने कहा कि हम अहिंसा और बौद्ध धर्म के प्रवर्तक सम्राट अशोक की कोई भी तुलना औरंगजेब जैसे क्रूर शासक से करने की कड़ी निंदा करते हैं.

सम्राट अशोक के संबंध में किसी भी इतिहासकार ने कभी ऐसी टिप्पणी नहीं की है. सम्राट अशोक के स्वर्णिम शासन के कारण ही नरेंद्र मोदी की सरकार ने सम्राट अशोक के नाम पर डाक टिकट जारी किया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान के समीप अशोक कन्वेंशन हॉल बनाया और बिहार में जब वह नगर विकास मंत्री थे तब सभी नगरपालिकाओं में प्रशासनिक भवन का नामाकरण सम्राट अशोक रखने का निर्णय लिया गया.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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