बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्टः मंगल पांडेय

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में संभावित बाढ़ और सूखे की दोहरी आपदा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य भर में व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं.

By RAKESH RANJAN | May 28, 2025 12:46 AM

संवाददाता,पटना

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में संभावित बाढ़ और सूखे की दोहरी आपदा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य भर में व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं. राज्य में बाढ़, जल जनित महामारी एवं दस्त/अतिसार की रोकथाम, आपात की स्थिति में समुचित चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने तथा औषधियों की निरंतर उपलब्धता बनाए रखने के लिए निर्देश दिये गये हैं. बाढ़ की विभीषिका की अवधि में जन मानस को आवश्यकता अनुरूप समुचित चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए प्रभावित क्षेत्रों में विशेष चिकित्सकीय व्यवस्था का प्रबंध किया जा रहा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के वैसे स्वास्थ्य केंद्रों को चिन्हित किया जायेगा जहां बाढ़ के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती है. ऐसे स्वास्थ्य संस्थानों को वैकल्पिक, सुरक्षित एवं सुविधाजनक स्थान पूर्व से चिन्हित किया जा रहा है, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं निर्बाध रूप से दी जा सकें.

श्री पांडेय ने कहा कि सूखे प्रभावित क्षेत्रों में विटामिन और खनिज की कमी जैसे पोषण संबंधी विकार एवं त्वचा रोग की भी संभावना होती है. ऐसे में सभी प्रकार की अनिवार्य औषधियों की सुनिश्चितता की जायेगी. विशेषकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए चलंत चिकित्सा दल गठित किए जायेंगे, जिनमें डॉक्टर, एएनएम, पारा मेडिकल स्टाफ तथा आवश्यक उपकरण शामिल रहेंगे. ये टीमें नावों के जरिए दूरदराज के क्षेत्रों में पहुंचकर चिकित्सा सहायता प्रदान करेंगे. इसके लिए डेडिकेटेड बोट की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही, स्थानीय स्तर पर आश्रय स्थलों एवं अस्पतालों में विशेष चिकित्सा केंद्र स्थापित किए जायेंगे. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों, दिव्यांग एवं गंभीर रूप से बीमार जिन्हें रेफरल की आवश्यकता हो और ऐसे क्षेत्र जहां महामारी का संकेत हो, वहां आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा एएनएम द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण कर लाइन लिस्टिंग तैयार की जायेगी.

श्री पांडेय ने कहा कि राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जनों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्रों में बाढ़ एवं सूखे से संभावित प्रभावों का पूर्व आकलन कर सभी जरूरी चिकित्सा व्यवस्था समय पर उपलब्ध करायें. बाढ़ के पानी घटने और जलजमाव के पश्चात मलेरिया, डेंगू के अतिरिक्त कालाजार इत्यादि की रोकथाम हेतु आवश्यक दवाओं/कीटनाशक दवाओं तथा ब्लीचिंग पाउडर एवं चूना के मिश्रण का छिड़काव भी किया जायेगा.

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