वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में लगी भीषण आग, करीब एक एकड़ सदाबहार जंगल को हुआ नुकसान, बाल-बाल बचे जानवर

वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के वन प्रमंडल दो के मदनपुर वन क्षेत्र में लगी आग से वीटीआर प्रशासन की बेचैनी बढ़ गयी है. आग मदनपुर वन क्षेत्र के वन कक्ष संख्या 9 के जंगल में लगी.

By Anand Shekhar | February 26, 2024 1:24 PM

बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की वन प्रमंडल दो के मदनपुर वन क्षेत्र के जंगल में बेमौसम आग लगने की घटना शुरू हो गई है. इसको लेकर वीटीआर प्रशासन की बेचैनी बढ़ने लगी. वन अधिकारियों का कहना है कि आग पर काबू करने की कोशिश की जा रही है. जंगली जानवरों को इस आग में कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

कक्ष संख्या 9 के जंगल क्षेत्रों में लगी आग

बुधवार को मदनपुर वन प्रक्षेत्र के वन कक्ष संख्या 9 के जंगल क्षेत्रों में भीषण आग लग गई. जंगल में लगी आग से तकरीबन एक एकड़ में फैले सदाबहार जंगल जलकर नष्ट हो गए हैं. जंगल में बेमौसम लगी आग की घटना से वन्य जीव असुरक्षित महसूस करने लगे हैं तथा वन कर्मियों की बेचैनी बढ़ गई है. शरारती तत्वों ने संरक्षित मदनपुर वन क्षेत्र के जंगल में बेमौसम आग लगाकर वन प्रशासन की बेचैनी बढ़ा दिया है.

फायर ब्रिगेड को दी गई आग लगने की सूचना

अगलगी की इस घटना से टाइगर रिजर्व में तैनात वन कर्मी और पदाधिकारी परेशान हो गए. सभी को इस बात की चिंता सताने लगी कि कहीं आग से किसी जानवर को तो नुकसान नहीं पहुंचा. वन कर्मी फायर फाइटिंग उपकरणों से आग बुझाने के प्रयास में लग गए साथ ही फायर ब्रिगेड की टीम को भी आग लगने की सूचना दी गई.

जांच और निगरानी के लिए लगाई गई टीम मदनपुर वन प्रक्षेत्र अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि आग लगने कि सूचना मिली है. केवल कर व पटेल छोटे-छोटे पौधे जले हैं. इस आग लगने की घटना से कितना जंगल क्षेत्र नुकसान हुआ है और आग कैसे और किस लिए जंगल क्षेत्र में लगाई गई है. इस घटना का अंजाम देने वाले तत्व कौन कौन शामिल हैं. इसकी जांच और निगरानी के लिए वनकर्मियों की टीम को लगाई गई है. प्रथम दृष्टया जांच में मदनपुर वन क्षेत्र के जंगल में लगी आग से काफी जंगल क्षेत्र को नुकसान हुआ है.

पिछले साल भी लगी थी आग

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पीछे वर्ष भी फरवरी और मार्च महीने में अचानक आग लगने का मामला सामने आया था. पिछले वर्ष 10 फरवरी को आग लगी थी जो करीब 20 एकड़ में फैल गई थी. वहीं पिछले वर्ष 15 मार्च को लगी आग में जंगल के कई पेड़ जल गए थे. ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों को यह बात परेशान कर रही है कि बार बार आग लगने की घटना कैसे हो रही है.

बगहा से चंद्रप्रकाश आर्य

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