Coronavirus in Bihar : दूसरी लहर में 21 से 50 साल के लोग अधिक मरे, अकेले पटना में अब तक 910 की मौत

पटना सहित पूरे बिहार में कोरोना ने विकराल रूप धारण कर रखा है. हर दिन बड़ी संख्या में लोग संक्रमित पाये जा रहे हैं. इस बार संक्रमित व मरने वालों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है. यह वायरस सबसे ज्यादा 21 से 50 साल के लोगों को शिकार बना रहा है.

By Prabhat Khabar | May 8, 2021 7:03 AM

आनंद तिवारी, पटना. पटना सहित पूरे बिहार में कोरोना ने विकराल रूप धारण कर रखा है. हर दिन बड़ी संख्या में लोग संक्रमित पाये जा रहे हैं. इस बार संक्रमित व मरने वालों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है. यह वायरस सबसे ज्यादा 21 से 50 साल के लोगों को शिकार बना रहा है. पटना जिले में वर्तमान समय में 22 हजार 330 मरीज एक्टिव हैं. इनमें करीब 50 फीसदी 21 वर्ष से 45 वर्ष तक के लोग हैं.

वहीं,22 फीसदी 45 वर्ष से 60 वर्ष के लोग और 14 फीसदी 20 वर्ष अथवा इससे कम उम्र के लोग हैं. सबसे कम संक्रमित 60 के ऊपर के लोग हैं, जिनकी संख्या आठ से 10 फीसदी है. दूसरी लहर में कोरोना उनलोगों के लिए काल बन रहा है, जिनकी उम्र 21 से 50 साल के बीच है. इनमें उनकी संख्या ज्यादा है, जिन्हें पहले से कोई-न-कोई बीमारी थी.

आंकड़े देखें तो पीएमसीएच में एक अप्रैल से छह मई तक 110 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. इनमें से 55 फीसदी की उम्र 21 से 50 साल के बीच थी, जबकि एक बच्चे की उम्र तो सिर्फ छह महीने की थी. पीएएमसीएच में अब तक कोरोना से 214 की मौत हुई है. यहीं स्थिति एनएमसीएच, आइजीआइएमएस व एम्स अस्पतालों की है, जहां इतनी उम्र वाले लोगों की मौत सबसे अधिक हुई है.

3856 बच्चे भी हो चुके हैं शिकार

पटना जिले में वर्तमान में 22 हजार 330 एक्टिव मरीज हैं. एक अप्रैल से पांच मई तक जिले में 10 साल या उससे कम उम्र के 3856 बच्चे संक्रमित पाये गये. इनमें जन्म लेने वाले शिशु भी शामिल हैं.

बिहार में अब तक 3139, तो पटना में 910 लोगों की हो चुकी है मौत

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पूरे राज्य में एक अप्रैल से सात मई तक 3139, जबकि पटना जिले में 910 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एम्स व एनएमसीएच में रोजाना 20 से 25 कोरोना मरीजों से मौत हो रही है.

ये कारण हैं कम उम्र वाले मरीजों की मौत के

  • बुजुर्गों की तुलना में युवा अपनी सुरक्षा को लेकर अधिक लापरवाह होते हैं

  • युवा तो मास्क नहीं लगाते और जो लगाते हैं वे अपने मास्क मुंह अथवा नाक के नीचे ही रखते हैं

  • लक्षण महसूस होने पर भी जांच नहीं करवाते हैं

  • अब भी इस गलतफहमी में हैं कि कोरोना एक सामान्य बीमारी है

  • खाने-पीने में एहतियात नहीं बरत रहे हैं, जिससे इम्यूनिटी कमजोर हो रही है

  • ऑक्सीजन थेरेपी में मानकों की अनदेखी भी बनी घातक

पटना में अब तक कोरोना संक्रमित

  • उम्र महिला पुरुष कुल केस

  • 0 से 10 वर्ष 1842 2014 3856

  • 10 से 19 वर्ष 2762 5564 8326

  • 20 से 29 वर्ष 11342 20024 31348

  • 30 से 39 वर्ष 14229 21480 35709

  • 40 से 49 वर्ष 9346 21654 31000

  • 50 से 60 वर्ष 10432 19583 30015

  • 60 से अधिक 8217 15982 24199

इस बार अधिक मौतें

एनएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर विनोद कुमार सिंह व पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ विद्यापति चौधरी ने कहा कि कोरोना से रोज औसतन छह से 10 मरीजों की मृत्यु हो रही है, जो पिछले साल की तुलना में अधिक है. पिछले साल कोरोना के प्रतिदिन एक या दो मरीजों की मौत होती थी. इसको देखते हुए लोगों खासकर युवाओं से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मास्क व दो गज की दूर व लॉकडाउन का पालन करने की अपील करते हैं.

Posted by Ashish Jha

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