Bihar News : जनता दरबार में बिजली विभाग के अफसर पर बिफरे सीएम नीतीश कुमार, फोन पर ही दे डाला ये निर्देश

मुख्यमंत्री आज ऊर्जा विभाग, जल संसाधन विभाग, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और पीएचईडी सहित कई अन्य विभागों संबंधित लोगों की शिकायत के आधार पर अधिकारियों को फोन करके मामले के निपटारे का आदेश देते रहे.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 16, 2021 6:42 AM

पटना. मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में आज नीतीश कुमार राज्य के विभिन्न जिलों से आये फरियादियों से उनकी शिकायतों को सुना और उसका समाधान निकाला. मुख्यमंत्री आज ऊर्जा विभाग, जल संसाधन विभाग, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और पीएचईडी सहित कई अन्य विभागों संबंधित लोगों की शिकायत के आधार पर अधिकारियों को फोन करके मामले के निपटारे का आदेश देते रहे. कुछ ऐसी शिकायतें भी आयीं जिसको सुनकर मुख्यमंत्री बिफर पड़े. ऐसा ही एक मामला गोपालगंज से आया था.

मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गोपालगंज के युवक ने बिजली विभाग के अधिकारियों की शिकायत करते हुए कहा कि 2013 में उसके घर बिजली का मीटर लगा. उस वक्त उसके मीटर का बिल फिक्स कर दिया गया. बिना मीटर जांच के हरेक महीने उसे बिजली बिल दिया जाता था और इस वर्ष सितंबर तक उसने उसी आधार पर बिल का भुगतान किया है. अब अचानक उसे 85 हजार रुपये का बकाया बिल थमा दिया गया है.

युवक का कहना था कि जब उसने हर माह आये बिल का भुगतान किया है तो आखिर बकाया कब और कैसे संभव है. पूरी बात सुनने और सारे दस्तावेज देखने के बाद मुख्यमंत्री बिफर पड़े. उन्होंने सीधा ऊर्जा सचिव को फोन लगाने का निर्देश दिया.

मुख्यमंत्री ने बेहद सख्त लहजे में ऊर्जा सचिव से कहा कि ऐसा मामला मेरे सामने आया है. यह कैसे संभव है कि जो बिल भुगतान करता रहा है उसे आप बकाया बिल दे रहे हैं. साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सरकार ने 2017 में ही फिक्स मीटर का प्रावधान खत्म कर दिया था तो इनके यहां अब तक उस आधार पर बिजली बिल कैसे भेजा जा रहा था.

ऊर्जा सचिव ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि वो मामले को देखकर निराकरण करते हैं. इसपर सीएम नीतीश कुमार ने उर्जा विभाग के सचिव को कहा कि ऐसे लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की होना चाहिए.

इसके साथ ही सीएम ने कई शिकायतों के बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात की और निर्धारित समय में शिकायत के निपटारा करने का निर्देश दिया. इस बीच कई शिकायकर्ता बिना रजिस्ट्रेशन कराये ही मुख्यमंत्री से मिलने पहुंच गये पर उन्हें निराशा ही मिली, क्योंकि अधिकारियों ने उन्हें शिकायत स्थल जाने से रोक दिया.

Posted by Ashish Jha

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