मुख्यमंत्री आवास एक अण्णे मार्ग में शिफ्ट हुए नीतीश कुमार, सियासी गलियारे में लगने लगी अटकलें

पिछले साल से नीतीश कुमार बिहार सरकार का आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास एक अण्णे मार्ग के बदले 7 सर्कुलर रोड आवास में रहने चले गये थे. मुख्यमंत्री के बंगला बदलने के बाद पटना के सियासी गलियारे में एक बार फिर से तरह- तरह की चर्चा शुरू हो गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2023 2:02 PM

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर 7 सर्कुलर रोड से एक अण्णे मार्ग शिफ्ट हो गये हैं. करीब 10 माह बाद पटना में उनका पता एक बार फिर से बदल गया है. रविवार को मुख्यमंत्री का आवास पूरी तरह से एक अण्णे मार्ग में शिफ्ट हो गया. पिछले साल से नीतीश कुमार बिहार सरकार का आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास एक अण्णे मार्ग के बदले 7 सर्कुलर रोड आवास में रहने चले गये थे. मुख्यमंत्री के बंगला बदलने के बाद पटना के सियासी गलियारे में एक बार फिर से तरह- तरह की चर्चा शुरू हो गयी है.

जब-जब बंगला बदलते हैं, सरकार में उनके सहयोगी भी बदल जाते

मुख्यमंत्री जब-जब बंगला बदलते हैं, सरकार में उनके सहयोगी भी बदल जाते हैं. जब मुख्यमंत्री एक अण्णे मार्ग से 7 सर्कुलर रोड गये थे तो सरकार में उसके सहयोगी भाजपा थी, लेकिन जब वो एक अण्णे मार्ग में लौटे हैं तो सरकार में उनके सहयोगी राजद है. ऐसा पहले भी हो चुका है. 2015 का चुनाव नीतीश कुमार ने 7 सर्कुलर रोड से ही लड़ा था, उस वक्त भी वो एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल होने का फैसला ले लिया था.

10 माह बाद मुख्यमंत्री फिर से एक अण्णे मार्ग में पूरी तरह शिफ्ट

2022 में बंगला बदलने के कुछ समय बाद बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गयी. उस समय कहा गया था कि मुख्यमंत्री आवास में मरम्मत का काम किया जा रहा है और इसलिए मुख्यमंत्री को 7 सर्कुलर रोड बंगला आवंटित कर दिया गया है, लेकिन मरम्मत का काम काफी लंबा चला और 10 माह बाद अब जा कर मुख्यमंत्री फिर से एक अण्णे मार्ग में पूरी तरह शिफ्ट हो पाये हैं. ऐसे तो मुख्यमंत्री का सचिवालय एक अण्णे मार्ग में ही था, लेकिन रहने के लिए 7 सर्कुलर रोड आवास जाते थे.

बंगला बदलने के बाद कई तरह की सियासी चर्चाएं शुरू

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बंगला बदलने के बाद कई तरह की सियासी चर्चाएं शुरू हो जाती हैं. इस बार भी उनके एक अण्णे मार्ग में वापस आने पर चर्चाएं शुरू हो गयी हैं. कहा जा रहा है कि बिहार में किसी प्रकार के सत्ता परिवर्तन की जो बातें चल रही थी, वो फिलहाल टल गया है. पिछले विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने महागठबंधन विधायक दल की बैठक में तेजस्वी यादव को 2025 के लिए उत्तराधिकारी घोषित किया था. उसके बाद से यह कहा जाने लगा था कि राजद के साथ नीतीश कुमार की डील है. राजद की ओर से भी तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपने की बात कही जाने लगी थी. फिलहाल नीतीश कुमार के एक अण्णे मार्ग में लौटने से इन सब कयासों पर विराम लगता दिख रहा है.

नीतीश कुमार के लिए 7 अंक बहुत शुभ

नीतीश कुमार के लिए 7 अंक बहुत शुभ और लक्की रहा है. वो जब-जब सियासी भंवर में फंसते हैं, 7 सर्कुलर रोड के बंगले में रहने चले जाते हैं. वो बंगला इन्हें हर भंवर से निकाल लेता है. 2015 में इसी बंगले में रहते हुए नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी की सुनामी रथ को बिहार में रोका था. सत्ता में वापसी की और मुख्यमंत्री आवास लौटे थे. अब एक बार फिर एक अण्णे मार्ग लौटे हैं. अब देखना है कि इसका बिहार की सियासत पर क्या असर होता है.

Next Article

Exit mobile version