चनपटिया स्टार्टअप जोन : रेडीमेड वस्त्र, फर्नीचर और चर्म उद्योग का बनेगा केंद्र

चनपटिया स्टार्टअप जोन प्रदेश का सबसे बड़ा स्टार्टअप जोन बन कर उभरने जा रहा है़ लिहाजा सरकारी एजेंसियां उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कमर कसी हुई हैं. उद्योग विभाग ने प्रदेश के सभी जिला उद्योग केंद्रों के महाप्रबंधकों से कहा है कि वह चनपटिया स्टार्टअप जोन से संबंधित ऋण आवेदनों को अतिशीघ्र निबटाए.

By Prabhat Khabar | June 14, 2021 1:02 PM

पटना. चनपटिया स्टार्टअप जोन प्रदेश का सबसे बड़ा स्टार्टअप जोन बन कर उभरने जा रहा है़ लिहाजा सरकारी एजेंसियां उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कमर कसी हुई हैं. उद्योग विभाग ने प्रदेश के सभी जिला उद्योग केंद्रों के महाप्रबंधकों से कहा है कि वह चनपटिया स्टार्टअप जोन से संबंधित ऋण आवेदनों को अतिशीघ्र निबटाए.

इससे पहले बिहार सांस्थिक वित्त निदेशालय ने बेतिया स्थित चनपटिया स्टार्टअप जोन को प्रदेश के सबसे बेहतर रेडीमेड वस्त्र, फर्नीचर और चर्म उद्योग का उभरता हुआ केंद्र बताया था़ कहा था कि इसमें विकास की जबरदस्त संभावनाएं हैं.

यह कहते हुए वित्त निदेशालय के विशेष सचिव ने संबंधित बैंकों के महाप्रबंधकों से यह भी कहा था कि इनकी बैंकिंग संबंधी समस्याओं का अविलंब समाधान किया जाये़ हालांकि, अधिकतर बैंकों ने स्टार्टअप जोन के लोन संबंधी मामलों के समाधान भी किये हैं.

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पूरे प्रदेश में प्रत्येक जिले में दो विशेष क्लस्टर विकसित किये जाने की योजना को भी इससे गति मिलेगी़ उद्योग विभाग चनपटिया मॉडल को लॉकडाउन के बाद पूरे प्रदेश में लागू करने की रणनीति पर काम कर रहा है़

देश में संभवत: चनपटिया ऐसा पहला स्टार्टअप जोन माना जा रहा है, जो कोरोन काल में लॉकडाउन में अपने घर लौटे लोगों ने स्थापित किया है़ अधिकतर यूनिट यहां बहुत अच्छी तरह संचालित हो रही हैं. उद्योग विभाग ने इन सभी स्टार्टअप की जानकारी वित्त विभाग से साझा भी की है़

चनपटिया स्टार्ट अप जोन एक नजर में

चनपटिया जोन में 37 इकाइयां विशेष रूप से रेडीमेड एवं टैक्सटाइल इंडस्ट्रीज से जुड़ी हैं. इसमें खास बात ये है कि एक भी इंडस्ट्रीज परंपरागत औद्योगिक परिवारों के सदस्यों ने नहीं लगायी हैं. यह इंडस्ट्रीज उन लोगों ने लगायी हैं जो अभी तक रोजी- रोटी के लिए प्रदेश या देश से बाहर गये थे़

उदाहरण के लिए टेक्सटाइल एंड एपरिल का स्टार्टअप खोलने वाले आमिल हुसैन दुबई में काम करते थे़. इसी तरह कोई दिल्ली और सूरत से, तो कई लुधियाना से वापस आये थे़ 39 में से 18 स्टार्टअप लुधियाना से लौटे लोगों ने शुरू किये हैं. इसी तरह अमृतसर से आये छह लोगों ने और करीब इतने ही स्टार्टअप सूरत से लौटे लोगों ने लगाये हैं.

Posted by Ashish Jha

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