CAG की रिपोर्ट: परिवहन निगम ने अपने ही भवन को अधिग्रहण कर दिखा दी 259 करोड़ की आमदनी

राज्य के पथ परिवहन निगम ने अपने ही कार्यालय सुल्तान पैलेस की जमीन और भवन का फिर से अधिग्रहण करके 259 करोड़ रुपये की आमदनी दिखा दी है. एजी की तरफ से जारी ऑडिट रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा हुआ है.

By Prabhat Khabar | July 30, 2021 10:38 AM

पटना. राज्य के पथ परिवहन निगम ने अपने ही कार्यालय सुल्तान पैलेस की जमीन और भवन का फिर से अधिग्रहण करके 259 करोड़ रुपये की आमदनी दिखा दी है. एजी की तरफ से जारी ऑडिट रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा हुआ है. इसके अनुसार, पथ निर्माण निगम पर मार्च 2018 तक बकाया ऋण 874 करोड़ था. तब इसने अपनी संपत्तियों को बेचने या अधिग्रहण करके ऋण चुकाने की पहल की.

इसके तहत 615 करोड़ रुपये जमीन का मूल्य दर्शाया गया और शेष अंतर को पाटने के लिए 259 करोड़ रुपये सुल्तान पैलेस भवन का मूल्य भी इसमें जोड़ दिया गया. इस तरह से 874 करोड़ रुपये ऋण बकाये की राशि का पेमेंट कर दिया गया.

जांच में यह भी पाया गया कि निजी वाहन मालिकों से दंड वसूलने में देरी करने से सरकार को दो करोड़ 83 लाख रुपये का नुकसान हुआ. विभाग की तरफ से गलत तरीके से अनियमित अधिभार लगाने के कारण ड्राइविंग लाइसेंस और लर्निंग लाइसेंस बनवाने वालों को 18 करोड़ 52 लाख रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है.

दंड वसूलने में देरी पर दो करोड़ से ज्यादा का नुकसान

चार जिला भू-अर्जन पदाधिकारी (डीएलएओ) ने फंड होने के बाद भी 91 करोड़ रुपये समेकित फंड में ट्रांसफर नहीं किया. इससे सरकार को नुकसान हुआ. चार पदाधिकारियों के जमीन का गलत या अधिक मूल्यांकन करने से 24 करोड़ 56 लाख रुपये राजस्व का नुकसान हुआ.

खगड़िया के डीएलओ ने दो करोड़ 24 लाख रुपये का गलत तरीके से भुगतान जमीन मालिकों को कर दिया. सारण के भू-अर्जन कार्यालय ने एनएच-19 तथा मढ़ौरा डीजल लोकोमोटिव फैक्टरी के लिए जमीन अधिग्रहण के मामलों में फर्जी दस्तावेजों पर छह जमीन मालिकों को गलत तरीके से 48 लाख का भुगतान कर दिया.

1,336 करोड़ रुपये की गड़बड़ी मानी विभागों ने महालेखाकार ने 2018-19 में विभिन्न विभागों के 629 मामलों में तीन हजार 658 करोड़ की राजस्व से जुड़ी गड़बड़ी पायी है. इसमें विभागों ने एक हजार 336 करोड़ की गड़बड़ी स्वीकार की है.

बिना परमिट के 260 ईंट भट्टों के कारण 3.85 करोड़ का नुकसान

2017-18 और 2018-19 के दौरान 260 ईंट भट्टों का संचालन बिना परमिट के किया गया. इससे तीन करोड़ 85 लाख रुपये का नुकसान हुआ. खनन पदाधिकारी ने अवैध खनन करने वाले ठेकेदारों से 46 करोड़ 42 लाख रुपये की वसूली नहीं की.

वाणिज्य कर विभाग ने कई व्यापारियों से नहीं वसूला टैक्स

वाणिज्य कर विभाग ने कई व्यापारियों से टैक्स की वसूली नहीं की है. कुछ मामलों की जांच में पता चला कि पांच करोड़ 64 लाख रुपये का टैक्स छिपाने वाले व्यापारी से दो करोड़ 36 लाख रुपये का जुर्माना नहीं वसूला गया.

बिना जरूरत खरीद लिये 26 करोड़ के नये ट्रांसफॉर्मर

बिजली कंपनी ने पुराने ट्रांसफॉर्मर के ठीक रहने के बाद भी बिना जरूरत के नये ट्रांसफॉर्मर की खरीद में 26 करोड़ 30 लाख रुपये खर्च कर दिये. इससे सरकार पर अधिक बोझ पड़ा. किसी सरकारी भवन पर सोलर पैनल नहीं लगाया गया. पॉवर वितरण कंपनियों की तरफ से समय पर डिजिटल मीटर नहीं लगाने से 41 करोड़ 42 लाख रुपये का नुकसान हुआ.

लोहिया पथ चक्र योजना में 18 करोड़ का अवैध भुगतान

शहर में बन रहे लोहिया पथ चक्र योजना में एक कंपनी को अवैध तरीके से 18 करोड़ 42 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है. इसके अलावा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने पटना में फ्लाइओवर निर्माण के लिए टेंडर निकाला और सिर्फ तकनीकी निविदा में चयनित हुई कंपनी को 66 करोड़ 25 लाख रुपये का भुगतान कर दिया.

इसी तरह आइआइटी (दिल्ली) से तकनीकी जानकारी प्राप्त करने के लिए बिना एग्रीमेंट के ही मेसर्स फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी कंपनी को चार करोड़ रुपये दे दिये. वहीं, बिहार राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड ने एक करोड़ का एफडी होते हुए भी इसे लोन देने के लिए नहीं दिया, जिससे उसे अधिक ब्याज दर पर ऋण लेना पड़ा.

एफडी देने पर 4.85 प्रतिशत ही ब्याज लगता, लेकिन अभी 6.25 प्रतिशत ब्याज देना पड़ रहा है. बुडको ने बिना बस की डिलिवरी लिये 55 करोड़ 24 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट दे दिया था.

Posted by Ashish Jha

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