कड़े नियमों के बावजूद बैंक में सीलबंद लिफाफे से कैसे लीक हुआ मैट्रिक का पेपर? जानें स्टेट बैंक में क्यों सुरक्षित माना जाता है परीक्षा प्रश्न-पत्र…

बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक हो जाने के बाद यह मामला काफी तूल पकड़ चुका है. बिहार विधानसभा के अंदर भी विपक्ष सरकार पर इस मामले को लेकर हमलावर है. शुक्रवार को पहली पाली में ली गयी मैट्रिक की सोशल साइंस विषय की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. वहीं इस मामले में जमुई जिले के झाझा स्थित एसबीआइ की झाझा शाखा के तीन कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है. इस पेपर लीक मामले ने बैंक के अंदर हुए इस खेल को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आइये जानते हैं आखिर बैंक में क्यों रखे जाते हैं प्रश्न-पत्र और क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2021 12:28 PM

बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक हो जाने के बाद यह मामला काफी तूल पकड़ चुका है. बिहार विधानसभा के अंदर भी विपक्ष सरकार पर इस मामले को लेकर हमलावर है. शुक्रवार को पहली पाली में ली गयी मैट्रिक की सोशल साइंस विषय की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. वहीं इस मामले में जमुई जिले के झाझा स्थित एसबीआइ की झाझा शाखा के तीन कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है. इस पेपर लीक मामले ने बैंक के अंदर हुए इस खेल को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आइये जानते हैं आखिर बैंक में क्यों रखे जाते हैं प्रश्न-पत्र और क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया.

एसबीआइ की झाझा शाखा मैट्रिक परीक्षा में वायरल हुए प्रश्न-पत्र को लेकर बेहद चर्चे में है. बैंककर्मियों के उपर प्रश्न-पत्र को परीक्षा से पहले लीक करने का आरोप लगा है. बिहार बोर्ड के के अध्यक्ष आनंद किशोर ने इसकी पुष्टि भी की है. वहीं अब यह सवाल बेहद अहम हो गया है कि आखिर स्टेट बैंक में अब प्रश्न-पत्र सुरक्षित नहीं रहा तो सरकार भरोसा किसपर करे. वहीं सवाल यह भी सामने आता है कि आखिर प्रशासन और शिक्षा विभाग को बैंक से प्रश्न-पत्र रिसिव करने के दौरान यह भनक क्यों नहीं लगी. जानते हैं पूरी प्रक्रिया…

बैंक में कार्य कर रहे जानकारों के अनुसार, जिस दिन मैट्रिक या किसी परीक्षा का आयोजन होता है उससे एक दिन पहले प्रश्न-पत्र उस एरिया के प्रशासनिक पदाधिकारियों के पास पहुंचा दिया जाता है. वो अपने एरिया के स्टेट बैंक को इसके लिए सबसे सुरक्षित जगह मानते हैं. बैंक के लॉकर में इन प्रश्न-पत्रों को रखा जाता है. बैंक में इसे रखने की प्रक्रिया भी बेहद कड़ी होती है. बैंक में लाया गया प्रश्न-पत्र लिफाफे में सीलबंद होता है. उसे दोनो पक्ष चेक करते हैं. उसके बाद इसकी जानकारी बैंक के रजिस्टर में दर्ज की जाती है और सिग्नेचर कराये जाते हैं.

Also Read: Bihar Board: बिहार मैट्रिक परीक्षा का प्रश्न-पत्र स्टेट बैंक से लीक, परीक्षा रद्द, तीन बैंककर्मी गिरफ्तार

बैंक के तरफ से दो कर्मी लॉकर की चाबी लेकर जाते हैं और प्रशासन के तरफ से भेजे कर्मी के सामने उसे लॉकर में रखकर ताला बंद करते हैं. यह लॉकर सीसीटवी की निगरानी में होता है. वहीं अब परीक्षा वाले दिन प्रशासन और शिक्षा विभाग के कर्मी इसे रिसीव करने जब आते हैं तो उसे उन्हीं कर्मियों के सामने लॉकर खोला जाता है. जिस विषय का पेपर जिस पाली में होता है उससे कुछ घंटे पहले बैंक से इसे सुरक्षित बाहर लाया जाता है.

बैंक से प्रश्न-पत्र का लिफाफा रिसीव करते समय उसके लगे सील को तरीके से चेक करना जरुरी होता है. बैंक इसे चेक कराकर ही प्रशासन को देती है. और इसके बाद रजिस्टर में इस जानकारी को दर्ज किया जाता है. हस्ताक्षर भी किये जाते हैं. तमाम प्रक्रिया बैंक में लगे सीसीटीवी की निगरानी में ही होता है. अब बैंक से पेपर लीक होने यह सवाल इसके बाद बेहद अहम हो जाता है कि इतनी कड़ी सुरक्षा और प्रक्रिया के बाद भी कैसे पेपर लीक हो गया.

बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर की मानें तो प्रश्न पत्र लीक मामले की पूरी जांच की गई है. सामाजिक विज्ञान की प्रथम पाली की परीक्षा के क्रम में प्रश्नपत्र, जिसका क्रमांक 111-0470581 था, परीक्षा शुरू होने के पूर्व किसी के वाट्सएप पर भेजे जाने की सूचना मिली थी. बोर्ड ने तुरंत जांच करायी, तो स्पष्ट हुआ कि वायरल प्रश्नपत्र जमुई जिले से भेजा गया था. इसके बाद बोर्ड अध्यक्ष ने जमुई के डीएम और एसपी को पूरे मामले की जांच करने को कहा. डीएम और एसपी ने देर शाम संयुक्त रूप से जांच रिपोर्ट बोर्ड को सौंप दी.

जांच में झाझा एसबीआइ के संविदा कर्मी विकास कुमार की संलिप्तता पायी गयी. उसने बैंक से ही प्रश्नपत्र का फोटो खींच कर मैट्रिक परीक्षा दे रहे अपने एक रिश्तेदार के वाट्सएप पर परीक्षा शुरू होने के पहले ही भेजा दिया था. बैंक के तीन अन्य कर्मी शशिकांत चौधरी, अजीत कुमार और अमित कुमार सिंह द्वारा लापरवाही देखी गई है. अब इस पेपर लीक मामले में क्या केवल बैंककर्मियों का ही हाथ है या सरकारी कर्मी की भी इसमें मिलीभगत है यह जांच का विषय है. पुलिस इसकी जांच में जुटी है. लेकिन बैंक में रखे जाने वाली प्रक्रिया को जानकर ऐसी आशंका तेज होती है कि इसमें कइ राज खुलकर सामने आ सकते हैं.

Posted By :Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version