बिहार में सीएनजी गाड़ियों की बिक्री पर परिवहन विभाग का जोर, लोगों को पसंद आ रही पेट्रोल गाड़ियां

परिवहन विभाग के अनुसार एक जनवरी से 31 जुलाई तक राज्य में छह लाख 48 हजार 534 गाड़ियों बिक्री है. जिसमें दोपहिया वाहनों की बिक्री सबसे अधिक हुई है. इस साल अभी तक पांच लाख 34 हजार 282 दोपहिया वाहन बिक गये हैं

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2022 4:56 AM

बिहार में प्रदूषण कम करने को लेकर परिवहन विभाग सीएनजी और इलेक्ट्रीक गाड़ियों की खरीद को लेकर प्रचार-प्रसार कर रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर कई मंत्रियों के पास सीएनजी व इलेक्ट्रीक गाड़ियां है. बावजूद इसके गाड़ियों की खरीद करने वालों में अभी भी पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों को ही सबसे अधिक पसंद कर रहे हैं. परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार बिके वाहनों में से पांच लाख 57 हजार 998 वाहन पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों की खरीद हो गयी है, जबकि पेट्रोल व सीएनजी मिश्रित वाले 3415 वाहन बिके. इलेक्ट्रिक से चलने वाली 24 हजार 528 की बिक्री हुई, जबकि डीजल से चलने वाली 47 हजार 869 और सीएनजी से चलने वाले 8348 वाहनों की बिक्री हुई.

आकड़ों पर एक नजर 

परिवहन विभाग के अनुसार एक जनवरी से 31 जुलाई तक राज्य में छह लाख 48 हजार 534 गाड़ियों बिक्री है. जिसमें दोपहिया वाहनों की बिक्री सबसे अधिक हुई है. इस साल अभी तक पांच लाख 34 हजार 282 दोपहिया वाहन बिक गये हैं, जबकि इसके पहले वाले 2021 में इसी अवधि में पांच लाख 10 हजार 94,2020 में चार लाख 55 हजार 843 दोपहिया की बिक्री हुई थी. वहीं इस वर्ष 40 हजार 308 चार पहिया वाहनों की बिक्री हो चुकी है. जिसमें 643 बस एवं 57 ओमनी की बिक्री हुई है. निर्माण सामग्री वाले वाहनों में 780, गुड्स व्हीकल में 10 हजार 631 वाहन बिक चुके हैं. 647 एंबुलेंस की भी बिक्री हुई है. 51 विशेष तरह के वाहनों की बिक्री हुई. 33 हजार 498 तिपहिया वाहनों की बिक्री हुई है.

विभाग सीएनजी में कनवर्ट करने पर दे रहा है अनुदान

परिवहन विभाग की ओर से बड़ी व छोटी गाड़ियों को सीएनजी में बदलने पर अनुदान भी देने का चलन है, जिसका लाभ पटना के शहरी क्षेत्रों में लोगों ने उठाया भी है. वहीं, विभाग की ओर से इलेक्ट्रीक गाड़ियां यानी बसों का परिचालन कराया है. जो पटना से दूसरे शहरों में जा रही है, ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण लगाया जा सकें.

सीएनजी पंप की कमी भी है एक कारण

लोग पेट्रोल की गाड़ियों को अब भी पसंद कर रहे है. इसके पीछे बिहार में एक मुख्य कारण है सीएनजी पंप का कम होना. पटना में ऑटो चालक को घंटों पंप तक पहुंचने में लग जाता है. तब जाकर वह सीएनजी भरा पाते है. इसी तक सीएनजी की निजी गाड़ियां चलाने वालों का हाल है. पटना के अलावे अभी तक दूसरे जिलों में पंप की संख्या कम है.

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महंगी गाड़ियां खरीद रहे लोग

गाड़ी खरीदने वाले महंगी गाड़ियों की खरीद कर रहे हैं. बिहार में गाड़ियों का टैक्स 2019 में ही तय हुआ है. 2019 में 12 लाख 65 हजार गाड़ियों की बिक्री हुई थी. जिससे राज्य सरकार को 1867 करोड़ की आमदनी हुई.2020 में मात्र 10 लाख 36 हजार गाड़ियां बिकी और 1735 करोड़ की आमदनी हुई. 2021 में 10 लाख 10 हजार गाड़ियों की बिक्री से 1879 करोड़ की आमदनी हुई. इस वर्ष जुलाई तक छह लाख 48 हजार गाड़ियों की हुई बिक्री से सरकार को 1314 करोड़ की आमदनी हो चुकी है. इस तरह साल 2019 में जहां सरकार को औसतन प्रति गाड़ी मात्र 14757 रुपये टैक्स मिल रहे थे वहीं इस वर्ष यह बढ़कर 20 हजार 262 रुपये हो गया है. इससे साफ है कि लोग पूर्व की तुलना में अधिक महंगी गाड़ियां खरीद रहे हैं.

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