अगस्त में लांच होगा बिहार पुलिस का नौ सुविधाओं वाला पोर्टल, ऑनलाइन शिकायत और केस ट्रैकिंग की होगी सुविधा

पुलिस विभाग एक अगस्त से राज्य के सभी थानों में पोर्टल लांच करने की योजना पर काम कर रहा है. इसमें आम आदमी से जुड़ी नौ सुविधाएं ऑनलाइन होंगी. इसमें पहली सुविधा होगी कि आम आदमी थानों में ऑनलाइन शिकायत कर सकेगा.

By Prabhat Khabar | June 9, 2021 10:42 AM

पटना. पुलिस विभाग एक अगस्त से राज्य के सभी थानों में पोर्टल लांच करने की योजना पर काम कर रहा है. इसमें आम आदमी से जुड़ी नौ सुविधाएं ऑनलाइन होंगी. इसमें पहली सुविधा होगी कि आम आदमी थानों में ऑनलाइन शिकायत कर सकेगा. इसके अलावा अगर शिकायत एफआइआर में बदलती है तो ऑनलाइन केस ट्रैकिंग की सुविधा रहेगी.

वहीं, कैरेक्टर वेरिफिकेशन और कैरेक्टर सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन आवेदन, सरवेंट वेरिफिकेशन, सीनियर सिटीजन रजिस्ट्रेशन, मीसिंग पर्सन की शिकायत, वाहनों की जांच आदि की सुविधा भी अाॅनलाइन दी जायेगी. इससे राज्य के लोगों को एक बड़ा फायदा मिलेगा. हालांकि, पुलिस इस पर केस डायरी को साझा नहीं करेगी.

गौरतलब है कि पहले पुलिस विभाग एक जून से यह पोर्टल को लांच करने के लिए ट्रायल किया जा रहा था, लेकिन कोरोना व लॉकडाउन के कारण इसमें देरी आयी है.अब इसे एक अगस्त से लांच करने की योजना है.

162 थानों में सीसीटीएनएस का काम बाकी

पहले फेज में राज्य के 894 थानों में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) का काम पूरा हो गया है. मार्च मध्य में ही सीसीटीएनएस काम पूरा कर लिया गया है. अब पुलिस मुख्यालय ने सेकेंड फेज के तहत 162 थानों में सीसीटीएनएस के तहत काम की शुरुआत कर दी है.

इसे भी अप्रैल तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन, कोरोना और लॉकडाउन के कारण इसे अब तक पूरा नहीं किया जा सका है. गौरतलब है कि अब अगस्त से पहले तक राज्य के सभी थाने सीसीटीएनएस की सुविधा से लैस करने की योजना है.

सीसीटीएनएस से सुविधा

जिन थानों को सीसीटीएनएस के तहत ऑनलाइन किया गया है, वो न्यायालय भी लिंक हो गये हैं. थानों से कोर्ट तक एफआइआर, केस डायरी, चार्जशीट आदि को डिजिटल तरीके से भेजा जा रहा है. अब जुलाई के अंत तक सभी 1094 थानों के लिए यह सुविधा लागू हो जायेगी.

राज्य में यह लगभग 250 करोड़ की योजना है. गौरतलब है कि राज्य में सीसीटीएनएस योजना की शुरुआत सितंबर 2018 हुई थी. इसके तहत थानों को ऑनलाइन किया जाना है. इसे बीते वर्ष अक्तूबर तक पूरा किया जाना था.

Posted by Ashish Jha

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