प्रवासी बिहारी मजदूर की बिटिया बनी केरल के विश्वविद्यालय की टॉपर

पटना : बिहार की राजधानी पटना से करीब 2642 किलोमीटर दूर केरल के कोट्टम से बिहार को गौरवान्वित करने वाली खबर आयी है. बिहार की बिटिया पायल कुमारी केरल स्थित महात्मा गांधी विश्वविद्यालय की टॉपर बनी है. खास बात यह है कि वह एक प्रवासी बिहारी मजदूर की बेटी है. करीब बीस साल पहले उनके पिता प्रमोद कुमार रोजी-रोटी के लिए केरल चले गये थे. प्रमोद कुमार बिहार के शेखपुरा स्थित गोसाईमाड़ी के रहने वाले हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2020 5:19 PM

पटना : बिहार की राजधानी पटना से करीब 2642 किलोमीटर दूर केरल के कोट्टम से बिहार को गौरवान्वित करने वाली खबर आयी है. बिहार की बिटिया पायल कुमारी केरल स्थित महात्मा गांधी विश्वविद्यालय की टॉपर बनी है. खास बात यह है कि वह एक प्रवासी बिहारी मजदूर की बेटी है. करीब बीस साल पहले उनके पिता प्रमोद कुमार रोजी-रोटी के लिए केरल चले गये थे. प्रमोद कुमार बिहार के शेखपुरा स्थित गोसाईमाड़ी के रहने वाले हैं.

हार्डवेयर की दुकान पर काम करने वाले एक श्रमिक की बेटी पायल ने केरल के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, मारथोमा कॉलेज फॉर वुमन, पेरुम्बावूर से बीए पुरातत्व और इतिहास (मॉड्यूल 2) परीक्षाओं में पहली रैंक हासिल की है. पायल पढ़ने में शुरू से प्रतिभाशाली रही है. पायल ने कक्षा 10 में 83 प्रतिशत और कक्षा 12 में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किये थे. पुरातत्व इतिहास उसका प्रिय विषय था. इसलिए उसने स्नातक में इस विषय को चुना. परिणाम सबके सामने है. अब वह इसी विषय से स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल करना चाहती है. उसके माता-पिता उसे प्रशासनिक सेवा में देखना चाहते हैं.

पायल के पिता प्रमोद कुमार अपने परिवार को बेहतर जीवन देने के लिए 2001 में बिहार से केरल चले गये थे. शुरुआत में कोच्चि और उसके बाद एर्नाकुलम में उन्होंने काम किया. वर्तमान में वे कंगारापड्डी में हार्डवेयर की दुकान पर काम करते हैं. पायल ने स्थानीय मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि उसके माता-पिता हमेशा से उच्च शिक्षा दिलाना चाहते हैं. उसने बताया कि वे सभी एक कमरे में रहते हैं. कोच्चि में परिवार की परेशानी को देखते हुए एक बार तो लगा था कि पढ़ाई छोड़कर कुछ काम करूं. हालांकि, अपने कुछ शिक्षकों और दोस्तों से प्रेरणा के बाद पढ़ाई में जमकर मेहनत की.

पायल ने बताया कि उसने मलयालम भी सीखी है. विशेष बात यह है कि पायल घर पर अपनी मात्र भाषा हिंदी और भोजपुरी बोलती है, लेकिन अपने कॉलेज में वह शानदार मलयालम बोलती है.

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