बिहार सरकार ने की कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट से लड़ने की तैयारी,प्रदेश में नहीं आया है कोई मामला: नीतीश कुमार

नीतीश कुमार ने कहा कि हालांकि अभी प्रदेश में कोई मामले नहीं हैं, लेकिन आप नहीं जानते कि कब मामले बढ़ जायें. यही वजह है कि हम राज्य में प्रतिदिन सबसे अधिक परीक्षण करा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2021 6:07 PM

बिहार में अभी ओमिक्रोन वैरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन हमने पूरी तैयारी कर ली है. कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से निपटने के लिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है. उक्त बातें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कही.

उन्होंने कहा कि हालांकि अभी प्रदेश में कोई मामले नहीं हैं, लेकिन आप नहीं जानते कि कब मामले बढ़ जायें. यही वजह है कि हम राज्य में प्रतिदिन सबसे अधिक परीक्षण करा रहे हैं. 5 लाख से अधिक परीक्षण किए जा रहे हैं. ओमिक्रॉन का प्रसार ना हो इसके लिए एहतियात तो बरता जा रहा है और लोगों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा देश में बढ़ता जा रहा है. अबतक देश में ओमिक्रॉन के 161 मामले सामने आज चुके हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं जहां अबतक 54 मामले सामने आ चुके हैं.

ओमिक्रॉन वैरिएंट पर संसद में बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि ओमिक्रॉन से निपटने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क है और इससे निपटने के लिए हर स्तर पर तैयारी की जा रही है.

मनसुख मांडविया ने संसद में कहा कि देश में ओमिक्रोन के 161 मामले अब तक सामने आए हैं जिनमें से 13 फीसदी मामलों में लक्षण अत्यंत मामूली हैं . 80 फीसदी मामलों में कोई लक्षण सामने नहीं आये. 44 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि 96 देशों में ओमिक्रॉन फैल चुका है और इसके प्रभावों पर नजर रखी जा रही है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ओमिक्रॉन को लेकर पूरी तरह सतर्क है तथा आने वाले समय में इसे लेकर जरूरत के अनुसार परामर्श जारी किए जाएंगे. एक्सपर्ट्‌स का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के लक्षण बहुत गंभीर नहीं है. आमतौर पर जो लक्षण दिख रहे हैं, वे आम सर्दी खांसी की तरह है.

एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि ओमिक्रॉन को लेकर अभी कुछ भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है. इसपर कुछ भी कहने के लिए और समय चाहिए ताकि कुछ और आंकड़े सामने आ जायें.

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