प्रधानमंत्री की पहल से बिहार में नीली और श्वेत क्रांति की गति होगी तेज : सुशील मोदी

पटना : बिहार के सात जिलों के लिए मत्स्य संपदा, डेयरी व कृषि से जुड़ी 294 करोड़ से ज्यादा की विभिन्न योजनाओं के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन, शिलान्यास के वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उनकी इस पहल से बिहार में एक साथ नीली व श्वेत क्रांति की गति तेज होने के साथ करोड़ों किसानों की आमदनी दोगुनी होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2020 6:23 PM

पटना : बिहार के सात जिलों के लिए मत्स्य संपदा, डेयरी व कृषि से जुड़ी 294 करोड़ से ज्यादा की विभिन्न योजनाओं के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन, शिलान्यास के वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उनकी इस पहल से बिहार में एक साथ नीली व श्वेत क्रांति की गति तेज होने के साथ करोड़ों किसानों की आमदनी दोगुनी होगी.

सुशील मोदी ने कहा कि यह वही विभाग है जो कभी पूरी दुनिया में पशुपालन घोटाले के लिए चर्चित हुआ था. कोई इस विभाग का मंत्री बनना नहीं चाहता था. 2005-06 में इस विभाग का बजट जहां मात्र 72 करोड़ था. वहीं 2019-20 में यह 16 गुना बढ़ कर 1178 करोड़ हो गया है. बिहार में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के साथ ही किशनगंज में फिशरी विज्ञान काॅलेज की स्थापना की गयी है. वेटनरी की पढ़ाई करने वालों को 2-2 हजार रुपये की छात्रवृत्ति देने वाला बिहार देश का पहला राज्य है.

बिहार के डिप्टी सीएम ने कहा कि वर्ष 2007-08 में जहां 57 लाख मे. टन दूघ का उत्पादन होता था जो 2019-20 में बढ़ कर 104 लाख मे. टन हो गया हैं. दूध की प्रोसेसिंग भी 8.45 लाख टन से बढ़ कर 33.55 लाख टन हो गयी है. इसी अवधि में पशुओं का टीकाकरण 6.64 लाख से बढ़ कर 16.98 लाख हो गया है. कोरोना काल के चार महीने में कम्फेड ने बिहार के किसानों से दूघ की खरीददारी कर उन्हें 800 करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया है. पहले रायबरेली दूध भेजकर पावडर बनाया जाता था, मगर अब बिहार में प्रतिवर्ष 112 मे. टन दूध पावडर बनाने की क्षमता का प्लांट है. कोरोना काल में 227 मे. टन दूध पावडर क्वारेंटिन सेंटर और आंगनबाड़ी केन्दों में वितरित किया गया है.

बिहार में 2007-08 की मात्र 2.88 लाख मे. टन की तुलना में 2019-20 में 6 लाख 42 हजार मे. टन मछली का उत्पादन होता है जिसमें से 33 हजार टन मछली का नेपाल, सिलीगुड़ी, बनारस, गोरखपुर, अमृतसर आदि शहरों में निर्यात किया जाता है. बिहार के लोगों को यह भी जानकारी नहीं थी कि मछलियों को चारा भी खिलाया जाता है. मगर आज यहां मछली चारा प्लांट का उद्घाटन हो रहा है.

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