मिलिए रोहतास के पेड़ वाले बाबा से, खाली जमीन पर लगाए लाखों पौधे, लोगों में जगा रहे पर्यावरण की रक्षा की अलख

पेड़ वाले बाबा उर्फ जावंत साधु बताते हैं कि 1980 के दशक की गर्मी में उन्होंने एक पत्रिका में उस समय ग्लोबल वार्मिंग पर छपी एक रिपोर्ट पढ़ी थी. उस दौरान उनके मन में पौधारोपण का विचार आया.

By Prabhat Khabar | January 15, 2023 10:47 AM

रोहतास. रोहतास जिले के कोचस प्रखंड में एक पेड़ वाले बाबा हैं, वैसे इनका नाम जावंत साधु है और उम्र करीब 70 साल है, पर लोग इन्हें पेड़ वाले बाबा के नाम से ही जानते हैं. इनके बारे में कहा जाता है कि इन्हें जहां भी खाली जमीन मिली, वहां पौधे लगा दिये. अब तक एक लाख से अधिक पौधे लगा चुके हैं और कोचस के साथ-साथ करगहर प्रखंड के लोगों में पर्यावरण की रक्षा की अलख जगा रहे हैं. पेड़ वाले बाबा को उनके पौधारोपण के जुनून व काम की बदौलत वर्ष 2018 में जिला पर्यावरण व वन विभाग ने सम्मानित भी किया था. वर्तमान में भी पेड़ वाले बाबा कहीं भी बेतरतीब जगह पर उगे पौधों को उसका सही स्थान दिलाने के लिए लगातार भ्रमण करते रहते हैं. सरकारी जमीन, सड़क, विद्यालय, सरकारी संस्थानों व गांव की पगडंडियों पर रोपे गये पौधों की निराई-गुड़ाई इनकी दिनचर्या में शामिल है.

लोगों में जगा रहे पर्यावरण की रक्षा की अलख

वह संतान की तरह पौधों की देखरेख और रक्षा के लिए गर्मी के दिनों में दूर-दूर से पानी लाकर पटवन भी करते हैं. पेड़ वाले बाबा उर्फ जावंत साधु बताते हैं कि 1980 के दशक की गर्मी में उन्होंने एक पत्रिका में उस समय ग्लोबल वार्मिंग पर छपी एक रिपोर्ट पढ़ी थी. उस दौरान उनके मन में पौधारोपण का विचार आया. तब से वह लगातार सरकारी व गैर सरकारी खाली जमीनों पर पौधे लगा रहे हैं. उन्होंने यत्र-तत्र उगे बरगद, पीपल, नीम व गुलर आदि पौधों को उखाड़ उन्हें सही जगह लगाना शुरू किया. उन्होंने बताया कि वह पौधारोपण के प्रति इतने जुनूनी हो गये कि अपनी वेश-भूषा पर भी ध्यान नहीं दिया और कब लोग उन्हें साधु समझने लगे और कब नाम के साथ साधु जोड़ दिया, पता हीं नहीं चला.

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पौधारोपण में यह क्षेत्र अव्वल

उन्होंने बताया कि एक समय इलाके के कपसियां गांव में एक भी पीपल का पेड़ नहीं था. किसी का निधन होने पर कर्मकांड के लिए पीपल वृक्ष के अभाव में लोगों को दूसरे गांवों में जाकर पितरों की पूजा करनी पड़ती थी. इससे निजात के लिए उन्होंने सर्वप्रथम करगहर के लहेरी राजवाहा के तटबंध पर चार पीपल के पौधे लगाये. इसके बाद सलथुआं राजवाहा के तटबंध व कपसियां बलथरी पथ पर पौधारोपण किया. यह काम करते-करीब 40 वर्ष गुजर चुके हैं. अपने से लगाये पौधों की कभी गिनती नहीं की, पर लोग कहते हैं कि इसकी संख्या करीब एक लाख हो चुकी है. शायद इन्हीं पौधों के कारण जिले में पौधारोपण में यह क्षेत्र अव्वल माना जा रहा है.

इनपुट- रमेश पांडेय, रोहतास

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