सुधाकर सिंह का मंत्रिमंडल से इस्तीफा, जगदानंद ने की पुष्टि, कहा- कृषि मंत्री ने उठाया किसानों के लिए आवाज

कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भेजा है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष और सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह ने कृषिमंत्री के इस्तीफे की पुष्टि कर दी है.

By Ashish Jha | October 2, 2022 1:15 PM

पटना. कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भेजा है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष और सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह ने कृषिमंत्री के इस्तीफे की पुष्टि कर दी है. जगदानंद सिंह ने कहा है कि वो नहीं चाहते थे कि लड़ाई आगे बढ़े. ऐसे में सुधाकर सिंह ने अपना इस्तीफा पार्टी नेता को भेज दिया है.

बेटे के पक्ष में खुल कर बोले जगदानंद

जगदानंद सिंह ने कहा कि सुधारकर सिंह पार्टी की नीतियों से समझौता नहीं कर सकते हैं. वो किसानों की आवाज बुलंद की है. कृषि मंत्री सुधाकर ने किसानों का सवाल उठाया है. गांधी के देश में किसान और जवान की आवाज को उठाना जरूरी है. जगदानंद ने मंडी व्यवस्था खत्म करने की नीति पर भी सवाल उठाया. जगदानंद ने कहा कि अदानी जैसे कारोबारियों को ऐसी नीतियों से फायदा मिलता है. मंडी को बहाल करना किसानों को बचाने की नीति रही है. राजद हमेशा से उस नीति को स्वीकार किया है. हमारी हर घोषणापत्र में इसका जिक्र है. उसे लागू करने का वादा हमने कर रखा है.

नीतीश की नीति को मानने से इनकार कर दिया था

महागठबंधन की सरकार में राजद कोटे से मंत्री बने सुधाकर सिंह का व्यवहार काफी विवादास्पद रहा है. वो लगातार सरकार पर हमले कर रहे थे. वो अपने ही विभाग पर लगातार हमले कर रहे थे. उन्होंने पूरे विभाग को चोर तक कह डाला था. इस बात को लेकर उनकी कैबिनेट की बैठक में नीतीश कुमार से बहस भी हो गयी थी. हालांकि दोनों पक्षों ने खुल कर उस बहस को स्वीकार नहीं किया. भ्रष्टाचार के बहाने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके सुधारकर सिंह ने यहां तक कह दिया था कि वो केवल राजद सुप्रीमो और तेजस्वी यादव का आदेश मानेंगे. उन्होंने पिछले दिनों नीतीश की नीति को मानने से इनकार कर दिया था. उनहोंने कहा था कि वो मंडी व्यवस्था फिर से लागू करेंगे. जिस नीति को पिछले 17 वर्षों से वो और उनकी पार्टी मानते आ रहे हैं, वो उससे कोई समझौता नहीं करनेवाले हैं.

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