299 दारोगा को तीन माह में करें बहाल

पटना : सुप्रीम काेर्ट ने बिहार सरकार को कहा है कि वह तीन माह में 299 दारोगा की बहाली प्रक्रिया को पूरी कर ले. जस्टिस कोरियन जोसेफ और जस्टिस भानुमति की खंडपीठ ने गुरुवार को यह आदेश दिया. इस बहाली प्रक्रिया में 2004 में जारी विज्ञापन के अभ्यर्थी ही शामिल हो सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 21, 2017 6:46 AM
पटना : सुप्रीम काेर्ट ने बिहार सरकार को कहा है कि वह तीन माह में 299 दारोगा की बहाली प्रक्रिया को पूरी कर ले. जस्टिस कोरियन जोसेफ और जस्टिस भानुमति की खंडपीठ ने गुरुवार को यह आदेश दिया. इस बहाली प्रक्रिया में 2004 में जारी विज्ञापन के अभ्यर्थी ही शामिल हो सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इसके पहले 2011 में राज्य सरकार को 299 दारोगा की बहाली करने को कहा था.
इस बीच दूसरी बहालियां हुईं, लेकिन इस मामले का निष्पादन नहीं हो पाया. सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार के वकील मनीष कुमार ने बताया कि आवेदकों की अपील याचिका की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार आदेश दिया है कि तीन महीने में दारोगा बहाली प्रक्रिया पूरी करे. इसके लिए जून, 2016 में कुछ अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच परीक्षा हो चुकी है. करीब 115 आवेदकों की शारीरिक जांच परीक्षा लिया जाना बाकी है. इसमें नये आवेदकों को मौका नहीं मिल पायेगा.

एसएसी -एसटी एक्ट : निचले अधिकारी भी कर सकेंगे जांच

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों की जांच डीएसपी स्तर के नीचे के पुलिस अधिकारी से भी कराये जाने को वैध करार दिया है. गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जीएस खेहर की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने इस संबंध में 2008 में जारी राज्य सरकार के आदेश को वैध ठहराया.
राज्य सरकार के इस आदेश में कहा गया था कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज कराये गये मामलाें की जांच अब डीएसपी स्तर के नीचे के पुलिस पदाधिकारी भी कर सकेंगे. इसके पहले तक ऐसे मामलों की जांच डीएसपी स्तर के पदाधिकारी ही कर सकते थे. राज्य सरकार के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के वकील मनीष कुमार ने बताया कि कोर्ट ने गुरुवार को यह साफ कर दिया कि राज्य सरकार का आदेश सही है और इसके तहत जितनी भी जांच हुई है, वे सब वैध हैं.

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